क्या तेज दिमाग का शराब पीने की आदत से कोई नाता हो सकता है? क्या दिमाग तेज है नहीं इससे पता चल सकता है कि भविष्य में कोई शख्स शराब पीना शुरू कर देगा या नहीं, या ज्यादा शराब पिएगा या नहीं? क्या वाकई किसी की बुद्धिमानी का भविष्य में उसकी शराब पीने की आदतों से किसी तरह का नाता हो सकता है? आपको जानकर हैरानी होगी कि इस तरह के सारे सवालों के जवाब एक नई रिसर्च ने दिए हैं और उससे भी दिलचस्प बात उसके नतीजे हैं. इसका सबसे खास नतीजा यही है कि किशोरों का ज्यादा आईक्यू बता सकता है कि वे भविष्य में शराब पीने लगेंगे?
सबसे बड़ा और अजीब नतीजा
नई स्टडी के मुताबिक जिन किशोरों का आईक्यू यानी इंटेलिजेंट कोशेट कॉलेज के पहले साल में ज्यादा होता है, उनमें यह संभावना अधिक होती है कि वे वयस्क होने पर नियमित रूप से शराब पीने लगेंगे. एल्कोहल एंड एल्कोहलिज्म में प्रकाशित यह स्टडी खास तौर से श्वेत अमेरिकी महिलाओं और पुरुषों पर की गई है.
क्या था मकसद, क्या नहीं पता चला?
स्टडी का मकसद किशोरों की बौद्धिक क्षमता और मध्य आयु में शराब के सेवन के बीच संबंध का आकलन करना तथा इस संबंध के संभावित कारकों का पता लगाना था. मजेदार बात ये है कि स्टडी में यह अनुमान नहीं लगाया जा सका कि अधिक आईक्यू से यह पता चल सकता है कि व्यक्ति भविष्य में ज्यादा शराब पिएगा ये कम.
रिसर्च में ज्यादा आईक्यू का मतलब शराब पीने की आदत की अधिक संभावना था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
कम और ज्यादा के मानक क्या थे?
स्टडी में महिलाओं के लिए, मध्यम शराब पीने को एक महीने में 1-29 मादक पेय के रूप में परिभाषित किया गया था, और पुरुषों के लिए, इसे 1-59 पेय के रूप में परिभाषित किया गया था. भारी शराब पीने को इससे अधिक माना जाता था. अध्ययन में विस्कॉन्सिन राज्य के 6,300 पुरुषों और महिलाओं से स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय जानकारी शामिल थी, जिन्होंने 1957 में हाई स्कूल से स्नातक किया था.
अध्ययन में क्या पाया गया?
स्नातक होने के 48 साल बाद, 2004 में, प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने पिछले महीने में कितने मादक पेय का सेवन किया था, साथ ही उन्होंने एक सत्र में पांच या उससे अधिक मादक पेय का सेवन कितनी बार किया था. इसे ‘बिंज-ड्रिंकिंग’ माना जाता है. पाया गया कि IQ स्कोर में हर एक अंक बढ़ने होने पर, ठीक ठाक या अधिक शराब पीने वालों की संख्या में 1.6 प्रतिशत का इजाफा पाया गया. वहीं शराब ना पीने वालों के साथ ऐसा नहीं था. उच्च IQ स्कोर वाले लोगों में अत्यधिक शराब पीने की घटनाओं की रिपोर्ट करने की संभावना कम थी.
स्टडी में इस बात पर जोर दिया गया था कि शराब का सामाजिक मामलों से गहरा संबंध है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
नतीजों को लेकर चेतावनी भी, लेकिन
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास (UT) साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के मनोचिकित्सक शेरवुड ब्राउन बताते हैं कि नतीजों का यह मतलब नहीं है कि किशोरावस्था में आपका IQ “आपके भाग्य को नियंत्रित करता है”. लेकिन यह सुझाव देता है कि IQ स्कोर सामाजिक कारकों से जुड़े होते हैं जो मिडलाइफ में शराब पीने को प्रभावित कर सकते हैं. जब ब्राउन और UT में उनके सहयोगियों ने सामाजिक-आर्थिक कारकों पर विचार किया, तो उन्होंने पाया कि घरेलू आमदनी कुछ हद तक IQ और शराब पीने की आदतों के बीच संबंध को प्रभावित करती है, लेकिन किसी व्यक्ति की शिक्षा का स्तर इस संबंध को प्रभावित नहीं करता है.
अधिक आमदानी से ज्यादा गहरा नाता
UT के न्यूरोसाइंटिस्ट जेमी पाल्का कहते हैं, ” शराब पीने और IQ के बीच संबंध को प्रभावित करने वाले सभी बातों को पकड़ना संभव नहीं है. हम जानते हैं कि आमदनी कुछ हद तक दोनों के बीच के रास्ते को बताती है.” पिछले अध्ययनों ने भी उच्च IQ स्कोर को उच्च घरेलू आमदनी से जोड़ा है.
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क्या सभी जगह लागू हो सकते हैं नतीजे?
हालांकि, यह नया शोध मुख्य रूप से श्वेत, गैर-हिस्पैनिक व्यक्तियों के एक समूह के बीच आयोजित किया गया था, जिनमें से अधिकांश स्नातक की डिग्री वाली महिलाएं थीं, जिसका अर्थ है कि नतीजे अन्य आबादी पर लागू नहीं हो सकते हैं. यूटी के शोधकर्ताओं की दलील है कि भविष्य के शोध में इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि शराब के सेवन का विकार IQ से कैसे संबंधित है और अन्य कारकों का पता लगाना चाहिए जो अनुभूति और शराब पीने के बीच के संबंध को समझा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 14:08 IST