प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहरा
छतरपुर: छतरपुर जिले के छोर पर स्थित पहरा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को न तो उपचार मिलता है और न ही दवाएं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मामूली चोटों के लिए भी उन्हें अस्पताल से मदद नहीं मिलती है. जिसके कारण वे इलाज के लिए मेडिकल स्टोर या यूपी के बांदा जिले के अस्पतालों का रुख करते हैं. हालांकि नए अस्पताल का भूमिपूजन हो चुका है. लेकिन अभी तक ग्रामीणों को अस्पताल की सुविधाएं मयस्सर नहीं हो पाई हैं.
पहरा गांव के युवा धीरज तिवारी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अनियमितता ने गांव के लोगों को गंभीर समस्याओं में डाल दिया है. धीरज ने कहा, “यह अस्पताल कब खुलता है, इसका कोई निश्चित समय नहीं है. मैं तो यहां इलाज कराने कभी नहीं आता, क्योंकि अस्पताल खुलने की कोई गारंटी नहीं होती. अगर कभी अस्पताल खुल भी गया, तो डॉक्टर मिलेंगे या नहीं और दवा उपलब्ध होगी या नहीं, यह भी निश्चित नहीं है”. जब अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं, तो ग्रामीणों को मजबूरन मेडिकल स्टोर्स या बाहरी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, ताकि समय पर इलाज हो सके.
ग्रामीणों को बाहर जाकर कराना पड़ता है इलाज
पहरा गांव के निवासी रामप्रकाश तिवारी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों का भरोसा नहीं रह गया है. उन्होंने कहा, “यहां डॉक्टर कभी-कभार आते हैं. केवल कुछ देर के लिए बैठते हैं. इनके आने का कोई निश्चित समय नहीं है. दवाइयां भी उपलब्ध नहीं होतीं, इसलिए लोग यहां न आकर सीधे मेडिकल स्टोर या बाहर के अस्पतालों में इलाज कराने जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर अस्पताल नियमित रूप से खुले और डॉक्टर समय पर आएं, तो लोगों का भरोसा वापस आ सकता है. फिलहाल, अस्पताल में शाम के समय जानवर आकर बैठते हैं, जिससे अस्पताल का यही उपयोग हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 15:37 IST