मंडी: हाल ही में बने नगर निगम मंडी के कुछ वार्ड के लोगों ने निगम एरिया से बाहर निकलने के लिए प्रशासन एवं सरकार के पास गुहार लगाई है. दरअसल, करीब 3 साल पहले तत्कालीन जयराम सरकार के समय इस मंडी नगर परिषद को निगम बनाने की नोटिफिकेशन की गई थी. जिसके बाद इस नगर निगम में पुरानी परिषद एरिया के साथ लगते बाहरी कुछ ग्रामीण इलाकों को भी निगम में मर्ज कर दिया गया.
बता दें कि लोकल 18 ने जब इस मुद्दे पर जनता का ओपिनियन जानना चाहा तो स्थानीय निवासी एवं पूर्व में अधिकारी रहे बी आर कौंडल ने बताया कि शुरुआत से ही इस दौहदी वार्ड के लोग निगम से नहीं जुड़ना चाहते थे, लेकिन उस वक्त की सरकार ने लोगों की नहीं सुनी और आज उसी गलती का परिणाम इस वार्ड की जनता भुगत रही है.
बी आर कौंडल के मुताबिक उस वक्त की बीजेपी सरकार ने नगर परिषद से बाहर के एरिया को निगम बनाने के लिए जोड़ तो दिया पर यह नहीं सोचा कि वहां की 90 प्रतिशत आबादी गरीबों और किसानों की है और वह कैसे भरी भरकम टैक्स का वहन कर पाएंगे.
शहरी विकास मंत्री से मुलाकात
लोकल 18 के साथ बातचीत में बी आर कौंडल ने बताया कि यहां किसी प्रकार की सुविधा नगर निगम के तहत आज तक नहीं मिली हैं. रोड कनेक्टिविटी बेहद खराब होने के साथ साथ ढंग से स्ट्रीट लाइट्स का भी कोई निशान नहीं है. ऐसे में यहां के लोग अब भी नई कांग्रेस सरकार से उन्हें निगम एरिया से बाहर करने की मांग कर रहे हैं. बी आर कौंडल के वह और इस वार्ड के लोग पिछले दिनों शहरी विकास मंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री राजा विक्रमादित्य से मिले हैं और उन्हें लोगों की तकलीफ से अवगत करवाया गया है.
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स्थानीय लोगों की मांग
इस दौहदी वार्ड के ही स्थानीय लोगों रीति, रिवाज और सुंदर के मुताबिक 3 साल से उनका वार्ड नगर निगम एरिया में जुड़ा है, लेकिन उस तरह की सुविधा उनके वार्ड को नहीं मिली है. जितनी मंडी शहर के वार्डो को मिल रही हैं. लोगों के ओपिनियन के मुताबिक अब उन्हें निगम एरिया से बाहर निकाला जाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 17:36 IST