Explainer: नई तकनीक से सुन भी सकेंगे रोबोट, इसके लिए कान का नहीं करेंगे उपयोग

1 hour ago 1

वैज्ञानिकों ने अब ऐसे रोबोट बनाने की तकनीक विकसित की है, जो इंसानों की तरह सुन सकेंगे. अब तक वैज्ञानिक ऐसे रोबोट बना रहे थे जो देखने पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं. कई तकनीक रोबोट में छूने के अहसास भी डाल रही हैं. लेकिन यह पहली बार रोबोट में सुनने की काबिलियत डाली जाएगी. अमेरिकी साइंटिस्ट्स ऐसे रोबोट तैयार कर रहे हैं जो कान से नहीं हाथ के जरिए आवाज को सुन सकेगा. वे एआई के जरिए केवल चीजों को देख कर ही नहीं बल्कि उनकी आवाज से भी पहचान सकेंगे.

सुन कर चीजों के बारे में जानना?
अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट्स अगले महीने, जर्मनी के म्यूनिख में रोबोट लर्निंग (CoRL 2024) पर होने वाले सम्मेलन में, दुनिया को सोनिकसेंस से परिचित कराएंगे. यह प्रणाली रोबोट को मनुष्यों के समान सुनकर समझने की काबिलियत देती है. शोधकर्ताओं ने लिखा, “हम सोनिकसेंस को पेश करते हैं. यह इन-हैंड ध्वनिक कंपन संवेदन के जरिए समृद्ध “रोबोट ऑब्जेक्ट परसेप्शपन“ यानी चीजों की समझ को काबिल बनाने के लिए हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर का एक समग्र डिज़ाइन है.”

अभी बहुत सीमित है ये काबिलियत
“पिछले अध्ययनों ने चीजों की समझ के लिए आवाज की संवेदना के साथ उम्मीद के मुताबिक नतीजे दिखाए हैं. अभी तक के समाधान सरल ज्यामिति और होमोजीनियस सामग्रियों, एकल-उंगली संवेदन और एक ही वस्तु पर मिश्रित प्रशिक्षण और परीक्षण के साथ कुछ ही वस्तुओं तक सीमित हैं.”

Amazing science, science, research, subject   news, shocking news, Artificial intelligence, Robots, Robotics, robots tin  consciousness   sound, sonicsense, sensing dependable  with hand,

अभी तक देखने के की क्षमता बाद रोबोट में स्पर्श की क्षमता पर सबसे ज्यादा काम हुआ है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

 रोबोट की ध्वनियों की समझ
अध्ययन के प्रमुख लेखक जियाक्सुन लियू ड्यूक में मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सामग्री विज्ञान के प्रोफेसर बोयुआन चेन की प्रयोगशाला में प्रथम वर्ष के पीएचडी छात्र हैं. लियू ने बताया, “आज रोबोट दुनिया की व्याख्या करने के लिए ज्यादातर दृष्टि पर निर्भर करते हैं. हम एक ऐसा समाधान बनाना चाहते थे जो दैनिक आधार पर पाई जाने वाली जटिल और विविध वस्तुओं के साथ काम कर सके, जिससे रोबोट को दुनिया को ‘महसूस’ करने और समझने की अधिक समृद्ध क्षमता मिल सके.”

उंगलियों में कान?
सोनिकसेंस एक रोबोटिक हाथ है जिसमें चार उंगलियां लगी होती हैं और प्रत्येक उंगली के सिरे पर एक संपर्क माइक्रोफोन होता है. जब रोबोट किसी वस्तु के साथ उसे टैप कर, पकड़ कर या हिला कर ‘बातचीत’ करता है, सेंसर कंपन को पकड़ लेते हैं और आसपास के शोर को बाहर निकाल देते हैं.

Amazing science, science, research, subject   news, shocking news, Artificial intelligence, Robots, Robotics, robots tin  consciousness   sound, sonicsense, sensing dependable  with hand,

एआई तकनीक अब गंभीरता से हर तरह के वातावरण में सुनने की काबिलित और उससे समझ को बढ़ाने पर काम कर रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

सुनकर चीजों के बारे में अनुमान
सोनिकसेंस सिस्टम वस्तुओं की पहचान करता है और पता लगाए गए संकेतों और फ्रीक्वेंसी विशेषताओं के आधार पर उनका आकार निर्धारित करता है. यह सिस्टम पूर्व ज्ञान पर निर्भर करता है और वस्तु की सामग्री और त्रि-आयामी आकार को समझने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में प्रगति का लाभ उठाता है.

सोनिकसेंस कैसे करता है काम?
सोनिकसेंस के लियू और चेन के प्रयोगशाला प्रदर्शनों से इसकी प्रभावशाली क्षमताएं सामने आती हैं. उदाहरण के लिए, यह वस्तुओं को हिलाकर या उनकी सतहों पर टैप करके अनुमान लगाता है कि किसी बॉक्स के अंदर कितने पासे हैं या बोतल में कितना पानी है. सोनिकसेंस अपनी तरह का पहला नहीं है, लेकिन यह एक अनूठा सेटअप है. चार अंगुलियों के स्पर्श-आधारित माइक्रोफ़ोन और उन्नत AI तकनीक इसे रोबोट पर पिछले प्रयासों से अलग बनाती हैं.

Amazing science, science, research, subject   news, shocking news, Artificial intelligence, Robots, Robotics, robots tin  consciousness   sound, sonicsense, sensing dependable  with hand,

वैज्ञानिकों ने हाथ की उंगलियों में माइक्रोफोन सेंसर लगा कर उसकी क्षमता बढ़ाने की कोशिश की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

और अधिक जटिलताओं के लिए तैयारी
यह तरह के गठजोड़ से सोनिकसेंस को अलग-अलग जटिलता की वस्तुओं की पहचान करने की मौका मिलता है. यह दृष्टि-आधारित प्रणालियों और परावर्तक या पारदर्शी सतहों वाली कई सामग्रियों से बनी वस्तुओं के लिए चुनौतीपूर्ण सामग्रियों के साथ उपयोग के लिए काफी काम आ सकता है. जैसे-जैसे सोनिकसेंस विकसित होता जा रहा है, शोधकर्ता कई वस्तुओं के साथ इसकी बातचीत को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

यह भी पढ़ें: Explainer: क्या है पेरेंटल जेंडर स्क्रीनिंग, जिसे वैध करने की मांग कर रहा है IMA, क्यों लगी थी रोक?

अभी इस एप्लिकेशन में चुनौतियां कम नहीं हैं. जैसे जैसे बाहरी वातावरण के कारक जुड़ेंगे, कार्य कठिन होता जाएगा. ऐसे में शोधकर्ता सोनिकसेंस के शहरी परिदृश्य या आपदा क्षेत्रों जैसे गतिशील और अप्रत्याशित वातावरण में काम करने की क्षमता का पता लगा रहे हैं. कृत्रिम प्रयोगशाला सेटिंग्स और वास्तविक दुनिया की जटिलता के बीच की खाई को पाटने की तकनीक की क्षमता लोगों के रोबोट और दुनिया में उनकी भूमिका के बारे में सोचने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है. यह अध्ययन ArXiv पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

Tags: Bizarre news, Science, Science facts, Science news, Shocking news, Weird news

FIRST PUBLISHED :

October 25, 2024, 10:54 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article