रायपुर. छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना 23 नवंबर होगी. इससे पहले 21 नवंबर को कांग्रेस ने अपने पोलिंग एजेंटों को ट्रेनिंग दी. इस प्रशिक्षण के साथ ही एक बार फिर ईवीएम को लेकर बहस भी छिड़ गई है. कांग्रेस ने एजेंटों को खासतौर पर हिदायत दी है कि ईवीएम की सील और बैटरी को चेक करें. कांग्रेस ने मतगणना के दौरान हंगामे की आशंका को देखते हुए वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी भी लगाई है. चूंकि, इस बात की सीमा होती है कि प्रत्याशी के साथ कितने काउंटिंग एजेंट होंगे, इसलिए निर्दलीय प्रत्याशियों के कोटे से भी एआरओ और एजेंट्स को मतगणना में भेजने की तैयारी की गई है.
रायपुर दक्षिण उपचुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री धनेंद साहू ने कहा कि हम ईवीएम पर वाजिब संदेह कर रहे हैं. इसे संदेह से परे नहीं किया जा सकता. दूसरे देशों में भी ईवीएम से नहीं, बल्कि बैलेट से चुनाव कराए जा रहे हैं. यहां क्या जरूरत है ईवीएम की. हम ये नहीं कह रहे की हम हार रहे या वो जीत रहे हैं. हम जीत रहे हैं, लेकिन हम जीतेंगे तो भी ईवीएम पर तो सवाल है. क्योंकि कुछ प्रतिशत तक ईवीएम परिणाम को प्रभावित करती ही है.
दोनों दलों ने झोंकी पूरी ताकत
गौरतलब है कि, रायपुर दक्षिण उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी की ओर से जहां बृजमोहन अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है. ऐसे में जनता किसके पक्ष में फैसला करती है, यह 23 नवंबर को ही पता चलेगा. गौरतलब है कि, रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ रही है. यहां सांसद बृजमोहन अग्रवाल का गहरा प्रभाव रहा है. दोनों पार्टियां इस सीट पर अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि ये सीट हम जीतेंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमारा विश्वास ईवीएम पर न पहले था, न अब है और न ही आगे होगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 19:37 IST