अंबाला: आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाएं अपना योगदान न दे रही हों. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा सरकार द्वारा भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. वहीं, अंबाला छावनी के अधीन आने वाले बराड़ा क्षेत्र के गांव शिमला की रहने वाली महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत केंडल बनाने का व्यवसाय शुरू करके अपना खुद का “खुशी” नामक सहायता केंद्र खोला है. इसके बाद से महिलाएं काफी खुश नजर आ रही हैं क्योंकि प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण वे आत्मनिर्भर हो पाई हैं. अब महिलाएं आधुनिक तरीके की पानी में चलने वाली कैंडल बनाकर बेच रही हैं, जो भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बेची जा रही है.
कैंडल की बढ़ती मांग
महिलाओं की यह कैंडल देखने में भी बहुत सुंदर नजर आ रही है और अमेरिका, कनाडा जैसे कई देशों में इस कैंडल की मांग को लेकर यह भेजी जा रही है. लोकल 18 को अधिक जानकारी देते हुए ममता दत्ता ने बताया कि वह बराड़ा के गांव शिमला की रहने वाली हैं और कुछ समय पहले उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अपने गांव में मोमबत्ती बनाने की ट्रेनिंग ली थी. इस ट्रेनिंग में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है और अब उन्होंने अपना खुद का “खुशी” नाम का सहायता केंद्र खोला है.
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना से महिलाओं को अपना खुद का रोजगार मिला है. अब वह अलग तरह की जल में जलने वाली मोमबत्तियां बना रही हैं, जो भारत के कई राज्यों में बेची जा रही हैं. उन्होंने बताया कि दिवाली और क्रिसमस पर ये मोमबत्तियां विदेशों में भी भेजी जाती हैं, जिनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. लोकल 18 को अधिक जानकारी देते हुए हरियाणा राज्य ग्रामीण मिशन खंड बराड़ा के अधिकारी निरंजन ने बताया कि वह सहायता समूह ब्लॉक बराड़ा को देखते हैं और इस सहायता समूह में 800 स्वयं सहायता समूह संचालित हैं. उन्होंने बताया कि सेल्फ हेल्प ग्रुप में कई महिलाएं आजीविका के काम में जुड़कर बहुत से काम सीख रही हैं. इन दिनों इस आजीविका मिशन योजना से सीखकर कई महिलाएं केंडल बना रही हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 14:59 IST