अगर चाहिए देसी गाय का घी, तो पहुंचे यहां, कफ-फेफड़ों के रोगों के लिए वरदान

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:January 27, 2025, 09:59 IST

Rohtas News : रोहतास जिले में सुधा डेयरी ने देसी गाय के दूध से घी निर्माण और बिक्री की योजना बनाई है, जिससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन और स्वास्थ्य लाभ मिलेगा.

अगर चाहिए देसी गाय का घी, तो पहुंचे यहां, कफ-फेफड़ों के रोगों के लिए वरदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

  • रोहतास में सुधा डेयरी ने देसी गाय के घी निर्माण की योजना बनाई.
  • योजना से ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन और स्वास्थ्य लाभ होगा.
  • देसी गाय का घी कफ और फेफड़ों के रोगों के लिए लाभकारी है.

रोहतास जिले में सुधा डेयरी ने एक नई पहल करते हुए देसी गाय के दूध से घी निर्माण और बिक्री की योजना बनाई है, जहां इस परियोजना का उद्देश्य न केवल ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन करना है, बल्कि स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना भी है. इसके लिए जिले के नौहट्टा, रोहतास, शिवसागर और चेनारी प्रखंडों के 16 से अधिक गांवों में सर्वेक्षण का कार्य भी पूर्ण हो चुका है. वही इस योजना के तहत प्रत्येक राजस्व गांव से कम से कम 2,000 लीटर देसी गाय का दूध एकत्रित किया जाएगा.

कैमूर पहाड़ियों के गांवों का सर्वे
बता दें कि सुधा डेयरी ने रेहल, तारडीह, मानू, कौड़ियारी, हरैया, शाहपुर, नावाडीह, और बकनौरा जैसे पहाड़ी गांवों में सर्वे किया है. इन गांवों में देसी गायों की संख्या अधिक है और प्रतिदिन लगभग 3,000 लीटर दूध का उत्पादन होता है. पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, रेहल गांव जिले का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक क्षेत्र है.

योजना के तहत डेयरी द्वारा दूध संग्रह और घी निर्माण के लिए प्रत्येक गांव में दुग्ध उत्पादन समिति का गठन किया जा रहा है जिसमे प्रत्येक समिति में 25 सदस्य होंगे, जिनमें अध्यक्ष, सचिव और 13 कार्यकारिणी सदस्य शामिल होंगे. पशुपालकों को दूध में फैट की मात्रा के आधार पर 40 से 50 रुपये प्रति लीटर का भुगतान किया जाएगा. वही भैंस के दूध के लिए यह दर 45 से 80 रुपये प्रति लीटर होगी.

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी घी
आयुष चिकित्सक डॉ. नागेंद्र पांडेय के अनुसार, देसी गाय का घी पित्त को शांत करता है और कफ व फेफड़ों संबंधी रोगों के इलाज में मददगार है. इसके औषधीय गुण इसे एक प्राकृतिक दवा बनाते हैं.

अब तक इन पहाड़ी गांवों के लोग अपने दूध को बिचौलियों के माध्यम से मात्र 35 रुपये प्रति लीटर पर बेचने को मजबूर थे. ये बिचौलिये दूध से खोया बनाकर सासाराम और डेहरी जैसे शहरों में ऊंचे दामों पर बेचते थे. लेकिन अब सुधा डेयरी के साथ सीधा जुड़ने से इन गांवों के लोगों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा.

वही डीएम उदिता सिंह ने इस परियोजना को जल्द से जल्द प्रारंभ करने का निर्देश दिया है इसके अलावा सुधा डेयरी के कार्यपालक पदाधिकारी अमित आनंद ने बताया कि समिति निर्माण के बाद डेयरी के वाहन तारडीह जैसे दूरस्थ गांवों तक दूध संग्रह के लिए जाएगा.

First Published :

January 27, 2025, 09:59 IST

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