Israel Hezbollah War: इजरायली सेनाएं इस वक्त लेबनान की धरती पर हिजबुल्ला के खिलाफ खूब कहर ढहा रही हैं. जमीन से लेकर आसमान तक, हर जगह से हिजबुल्ला के लड़ाकों पर हमले किए जा रहे हैं. हिज़्बुल्लाह भी इजरायल पर बेहद एडवांस मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है. पिछले सप्ताह बेंजामिन नेतन्याहू के घर के बाहर तक हिजबुल्ला बड़ा अटैक करने में सफल रहा था. इजरायल की 18 साल पुरानी एक चूक का फायदा लेबनान का यह संगठन भरपूर उठा रहा है. ईरान की मदद हिजबुल्ला कहर बनकर इजरायल पर अटैक कर रहा है.
इजरायल और हिजबुल्ला के बीच इससे पहले सला 2006 में भी युद्ध हुआ था. तब जंग के दौरान हिजबुल्ला के लड़ाकों ने इजरायली हथियारों पर कब्जा कर लिया था. तब जंग तो जैसे-तैसे रुक गई लेकिन इसके बाद हिजबुल्ला ने इन हथियारों पर रिवर्स-इंजीनियर शुरू कर दी. यह दावा इजरायली रक्षा अधिकारियों ने किया है. कहा गया कि हिजबुल्ला ने साल 2006 के इजरायल-हिज़्बुल्लाह युद्ध के दौरान इजरायली स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइलों को जब्त कर लिया था. बाद में इन हथियारों को क्लोनिंग के लिए ईरान भेज दिया गया था.
इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम पर वार
इजरायली सूत्रों का कहना है कि बाद में ईरान ने इन आधुनिक हथियारों को कॉपी कर लिया था और फिर ऐसे ही हाई-एंडेड और हथियार बना लिए. अब 18 साल बाद, हिजबुल्ला इजरायली सैन्य ठिकानों, कम्यूनिकेशन सिस्टम और एयर डिफेंस लॉन्चर्स पर मिसाइलों को दाग रहा है. यह हमले इतने सटीक और पावरफुल हैं कि वे इजरायली सैन्य बलों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. बताया गया कि इन मिसाइलों की रेंज 10 मील यानी 16 किमी तक है. इनमें एडवांस गाइडेंस सीकर्स हैं जो लक्ष्यों को ट्रैक और लॉक कर सकते हैं.
क्लोनिंग में माहिर है ईरान
यह कोई पहला मौका नहीं है जब ईरान ने दूसरे देश के हथियार को क्लोन किया हो. पहले भी ईरान और उसके प्रॉक्सी ने उन हथियार प्रणालियों की नकल की है. बाद में इन हथियारों का इस्तेमाल उन्हीं विरोधियों के खिलाफ किया गया जिन्होंने उन्हें डिजाइन किया. ईरान अमेरिकी ड्रोन और मिसाइलों की नकल कर चुका है. इजरायल का अलमास मिसाइल एक उदाहरण है कि कैसे ईरानी-इंजीनियर हथियारों का बढ़ता उपयोग रीजनल पावर डाइनमिक को बदल रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 08:52 IST