इतिहास को संजो रहा गढ़वाल विश्वविद्यालय, प्राचीन वस्तुओं की बना रहा 3D रिप्लिका

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प्राचीन मूर्ति की 3D रिप्लिका

Pauri Garhwal News: इन वस्तुओं को विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों से उत्खनन के माध्यम से एकत्रित किया गया है और संग्रहालय में प ...अधिक पढ़ें

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श्रीनगर गढ़वाल. गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग द्वारा पुरातात्विक और प्राचीन वस्तुओं का संग्रहण और संरक्षण किया जा रहा है, साथ ही उन्हें नया स्वरूप भी प्रदान किया जा रहा है। विभाग द्वारा पुरातात्विक स्थलों से प्राप्त वस्तुओं की 3D प्रतिकृतियाँ (रिप्लिका) तैयार की जा रही हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय आने वाले आगंतुकों को उपहार के रूप में भेंट किया जाता है. विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए इन प्रोटोटाइप को अब तक राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों को उपहार स्वरूप भेंट किया जा चुका है. 3D प्रिंटिंग के माध्यम से प्राचीन सभ्यता के अवशेषों को अब लोग नज़दीक से देख और समझ सकते हैं. साथ ही, विश्वविद्यालय के पुरातात्विक संग्रहालय में एक सॉविनियर शॉप स्थापित की गई है, जहां इन प्रतिकृतियों को प्रदर्शित और विक्रय के लिए रखा गया है.

इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र रावत ने बताया कि संग्रहालय में मौजूद सभी वस्तुएं हमारी धरोहर से जुड़ी हुई हैं. विभाग द्वारा इन वस्तुओं को विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों से उत्खनन के माध्यम से एकत्रित किया गया है और संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया है, ताकि इसे देखने आने वाले आगंतुक यह समझ सकें कि मध्य हिमालय और उत्तराखंड में प्राचीन काल में किस प्रकार की संस्कृति थी.
3D तकनीक के माध्यम से पुरातात्विक वस्तुओं को किया जा रहा संग्रहित

डॉ. नागेंद्र रावत बताते हैं कि तकनीक बहुत आगे बढ़ गई है, और इसके माध्यम से हम उत्तराखंड के इतिहास को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. 3D तकनीक का उपयोग करके पुरातात्विक मूर्तियों और वस्तुओं को डिजिटल रूप में संग्रहित किया जा रहा है और उनकी हूबहू रिप्लिका बनाई जा रही हैं ताकि वे वास्तविक प्रतीत हों.उन्होंने कहा कि ये प्रतिकृतियाँ प्लास्टिक-आधारित फिलामेंट से बनाई जा रही हैं, क्योंकि इस सामग्री की आयु लंबी होती है और ये बायोडिग्रेडेबल भी हैं, जिससे पर्यावरण को कोई हानि नहीं होगी.

यहां से खरीद सकते हैं पुरातात्विक वस्तुओं और मूर्तियों की रिप्लिका

अगर कोई व्यक्ति इन वस्तुओं और मूर्तियों की रिप्लिका खरीदना चाहता है, तो वह गढ़वाल विश्वविद्यालय के संग्रहालय में स्थित सॉविनियर शॉप से इन्हें प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा, गढ़वाल विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से भी ऑनलाइन इन रिप्लिका को खरीदने की सुविधा उपलब्ध है. ये रिप्लिका उच्च गुणवत्ता की होती हैं और इन्हें 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग कर तैयार किया गया है, जिससे वे बिल्कुल वास्तविक प्रतीत होती हैं. इन बायोडिग्रेडेबल प्रतिकृतियों से पर्यावरण को भी कोई हानि नहीं होती, जिससे इन्हें स्मारिका के रूप में संग्रह करना सुरक्षित और सुलभ होता है.

Tags: Hindi news, Local18

FIRST PUBLISHED :

October 27, 2024, 12:43 IST

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