इथेनॉल से लेकर कपड़े तक में बैंबू की डिमांड, गोंडा का यह शख्स कर रहा इसकी खेती

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:January 22, 2025, 22:28 IST

Bamboo farming successful uttar pradesh: यदि आप किसान हैं और नए तरह की किसानी करना चाहते हैं या फिर अपनी खाली पड़ी जमीन से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपके लिए बैंबू....

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प्रगतिशील

प्रगतिशील किसान अक्षैबर सिंह

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड वजीरगंज के ग्राम सभा कोठा के रिटायर्ड शिक्षक 2 एकड़ में बांस की खेती कर रहे हैं. लोकल 18 से बातचीत के दौरान प्रगतिशील किसान अक्षैबर सिंह बताते हैं कि 2022 में शिक्षक पद से रिटायर्ड होने के बाद काफी रिसर्च के बाद उनके दिमाग में आया कि क्यों ना बांस की खेती की जाए. इसके बाद से वह 2 एकड़ में बांस की खेती कर रहे हैं.

क्या है क्वालिफिकेशन
अक्षैबर सिंह MA और बीएड करने के बाद इंटर कॉलेज में शिक्षक के पद पर थे. 2022 में शिक्षक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद अक्षैबर सिंह ने खेती की शुरुआत की. उन्होंने कहा, “हमको बचपन से ही खेती किसानी का काफी शौक था क्योंकि मेरे पिताजी और बाबा जी खेती किसानी करते थे. इसलिए हमें बचपन से ही किसी किसानी का शौक रहा.

कहां से आया आइडिया
अक्षैबर सिंह बताते हैं कि वह दो एकड़ में बांस की खेती कर रहे हैं. बांस की खेती की शुरुआत लगभग ढ़ाई साल पहले उन्होंने किया. आने वाले समय में उन्हें इससे अच्छी इनकम होने की उम्मीद है. अक्षैबर सिंह बताते हैं कि उन्होंने बड़वानी मध्य प्रदेश के बलराम किसान से मुलाकात की. बलराम ने अक्षैबर से बांस की खेती की शुरुआत करने के लिए कहा और यहीं से उन्होंने बांस की खेती की शुरुआत की.

बांस की खेती से क्या हैं फायदे
अक्षैबर सिंह बताते हैं कि बांस सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला पौधा है और क्लाइमेट के लिए बांस काफी अच्छा माना जाता है. बांस का एथेनॉल बनता है जो गन्ने के रस से 10% ज्यादा इथेनॉल बनता है. बांस से कपड़े भी बनाए जाने लगे हैं. इससे बांस की डिमांड काफी बढ़ भी गई है. अगर बांस ज्यादा मात्रा में तैयार हो जाता है तो अक्षैबर सिंह की अच्छी इनकम हो जाएगी. बांस एक ऐसी फसल है जिसमें न तो कोई लागत लगती है और ना कोई देखभाल लगती है. एक बार लगाकर किसान इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं.

Location :

Gonda,Uttar Pradesh

First Published :

January 22, 2025, 22:28 IST

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