इस औषधीय पेड़ के फूलों में छिपा है कैंसर का इलाज! लेकिन ये लोग रहें दूर

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छत्रपती संभाजीनगर: पिछले कुछ हफ्तों से शहर में एक खुशबू लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है. सड़क के किनारे कई सप्तपर्णी के पेड़ इस समय पूरी तरह से खिल गए हैं. इन फूलों की खुशबू ने पूरे क्षेत्र में फैल गई है. नागरिकों का कहना है कि सप्तपर्णी पहले कभी इतनी बड़ी मात्रा में नहीं खिला है. वन्यजीव संरक्षण डॉक्टर किशोर पाठक ने इस पेड़ के बारे में जानकारी दी है.

सप्तपर्णी का पौधा पूरी तरह से देशी और औषधीय है
डॉ. किशोर पाठक ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा, “सप्तपर्णी को एक जल्दी बढ़ने वाला, पूरे साल छाया देने वाला और सदाबहार पेड़ माना जाता है. इसका फूलने का मौसम अक्टूबर से नवंबर तक होता है, जो बारिश के मौसम के अंत में आता है. इस साल पहले के कुछ सालों की तुलना में यह ज्यादा खिला है. यह पौधा पूरी तरह से देशी और औषधीय है. यह एक बहुत ही उत्पादक पेड़ है. इस पेड़ के कई फायदे हैं. आप इस पेड़ की छाल का उपयोग कैंसर के लिए कर सकते हैं. इस पेड़ के फूलों की खुशबू बहुत तेज होती है. इसका उपयोग दस्त, मलेरिया, बुखार, अस्थमा, अल्सर, और सांप के काटने आदि के इलाज में भी किया जाता है.

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डॉ. किशोर पाठक ने कहा कि जिन लोगों को किसी भी प्रकार की एलर्जी है, उन्हें इस पौधे से परेशानी हो सकती है. इसलिए, जिन लोगों को किसी भी प्रकार की एलर्जी है, उन्हें इस पेड़ के पास जाने से बचना चाहिए, लेकिन यह पौधा न तो ज़हरीला है और न ही विदेशी. यह पेड़ पूरी तरह से भारतीय है, इसलिए इसे मत काटो और अपने मन में कोई गलत धारणा मत रखो. इसके विपरीत, यह पेड़ बहुत प्रभावी है और इन औषधियों से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. इसलिए, सभी लोगों को इस पेड़ के बारे में अपनी गलत धारणाओं को साफ करना चाहिए. यह सप्तपर्णी का पेड़ एक बहुत ही फलदायी पेड़ है. हालांकि इस पौधे के फूलों की तेज खुशबू होती है, यह पौधा बहुत फायदेमंद है.

सप्तपर्णी के फायदे (Benefits of Saptaparni)
1.औषधीय गुण: सप्तपर्णी का पौधा पूरी तरह से औषधीय है और इसके विभिन्न भागों का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है.

2.कैंसर के लिए उपयोग: इस पेड़ की छाल का उपयोग कैंसर के उपचार में किया जा सकता है.

3.बीमारियों का इलाज: इसका उपयोग दस्त, मलेरिया, बुखार, अस्थमा, अल्सर, और सांप के काटने जैसे समस्याओं के उपचार में किया जाता है.

Tags: Health News, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

October 26, 2024, 18:26 IST

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