अहमदाबाद. बीएपीएस स्वामिनारायण संस्थान के तीर्थ श्री अक्षर मंदिर, गोंडल में आयोजित दीक्षा समारोह में 66 युवा दीक्षा लेकर संत बन गए. इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, पीएचडी, स्नातक, परास्नातक शामिल हैं. परम पूज्य महंतस्वामी महाराज द्वारा युवाओं को पार्षद दीक्षा और 37 भगवती दीक्षा दी गयी. इस दौरान युवाओं के माता पिता मौजूद रहे, जो खूब खुश दिखे.
बीएपीएस के संत तीर्थ स्वरूप दास जी ने बताया कि श्री अक्षर मंदिर, गोंडल में 29 युवाओं ने परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के हाथों से पार्षद दीक्षा प्राप्त की. जिसमें 2 डॉक्टर, 4 स्नातकोत्तर, 11 इंजीनियर, 7 विज्ञान स्नातक और 4 अन्य स्नातक शामिल हैं. वहीं संस्था की संत दीक्षा प्रणाली के अनुसार, तीर्थधाम सारंगपुर स्थित संत प्रशिक्षण केंद्र में शिक्षा प्राप्त करने वालों में 37 युवा जिसमें 1 डॉक्टर, 1 पीएचडी, 4 मास्टर डिग्री, 12 इंजीनियर, 18 अन्य बैचलर डिग्री धारक शामिल हैं. उच्च करियर वाले 37 पार्षद को महंतस्वामी महाराज द्वारा भागवती दीक्षा प्रदान की गई.
दीक्षा अवसर पर महंतस्वामी महाराज ने आशीर्वाद दिया.
दीक्षा महोत्सव सुबह 8 बजे वैदिक महापूजा समारोह के साथ शुरू हुआ. इस महापूजा समारोह में सभी साधक अपने-अपने पिता के साथ शामिल हुए. दीक्षा सभा में वरिष्ठ संतों ने आशीर्वाद दिया. परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने गुरु मंत्र प्रदान किया. इस अवसर पर दीक्षा लेने वाले दीक्षार्थियों के पैरेंट्स में अति उत्साह देखा गया. दीक्षा महोत्सव की मुख्य सभा में संस्था के वरिष्ठ संतों द्वारा दीक्षित युवाओं के पिता तथा वरिष्ठ महिलाओं द्वारा दीक्षित युवाओं की माताओं का सम्मान किया गया.
इस दीक्षा अवसर पर महंतस्वामी महाराज ने आशीर्वाद देते हुए कहा, ”दीक्षित साधु के माता-पिता को धन्यवाद, उन्होंने अपने पुत्र को पढ़ा-लिखाकर तैयार किया और यहां सेवा के लिए समर्पित कर दिया. साधु का मार्ग आसान नहीं होता. तपस्या, व्रत, सेवा, भक्ति और मन पर विजय.” इस अवसर पर वरिष्ठ संतों ने स्वामीश्री का पुष्प माला से स्वागत किया. दीक्षा महोत्सव के समापन पर मणिपाल गुरुहरि महंतस्वामी महाराज ने कहा, ‘सब कुछ देना आसान है, लेकिन पुत्र देना बहुत कठिन है. उन सभी माता-पिता को बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने अपने बेटे दिए. यह आशीर्वाद है कि सभी पार्षद साधु के मार्ग पर चलते रहें.’
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FIRST PUBLISHED :
October 26, 2024, 20:22 IST