विदेशों में क्यों रखा है भारत का 400 टन सोना? जानिए किन तिजोरियों में है जमा और कैसे होती है सुरक्षा

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सोने की तिजोरियां- India TV Paisa Photo:FILE सोने की तिजोरियां

जुलाई 2024 तक आरबीआई के पास सोने का कुल भंडार 846 टन था। भारत का स्वर्ण भंडार अक्टूबर तक 67.444 अरब डॉलर का हो गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में रखा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक अपना स्वर्ण भंडार बैंक ऑफ इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड के बेसिल में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) और अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क में रखता है। इस साल अब तक आरबीआई ब्रिटेन से 100 टन सोना वापस मंगवा चुका है। तो आइए समझते हैं कि भारत का यह सोना बाहर क्यों रखा हुआ है।

विदेशी तिजोरियों में बंद है 414 मीट्रिक टन सोना

आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल स्वर्ण भंडार में से करीब 414 मीट्रिक टन सोना विदेशी तिजोरियों में रखा हुआ है। इसमें से 308 मीट्रिक टन सोना देश द्वारा जारी किये गए नोटों के सपोर्ट में है। वहीं, 100 टन से अधिक सोना लोकल लेवल पर बैंकों के एसेट के रूप में रखा है। भारत में रखा गया सोना मुंबई और नागपुर में वॉल्ट में बंद है।

विदेशों में क्यों रखा है भारतीय सोना

भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देश अपना सोना विदेशी तिजोरियों में रखते हैं। इसका एक मकसद सोने की सिक्योरिटी से भी जुड़ा होता है। वहीं, लंदन, न्यूयॉर्क और ज्यूरिख जैसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों में रखे गए सोने को अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में आसानी से उपयोग किया जा सकता है। अमेरिका और इंग्लैड में ये सोने की तिजोरियां कई लेयर की हाई सिक्योरिटी वाली होती हैं। इसके चारों तरफ मजबूत ग्रेनाइट की दीवारें, स्मार्ट सीसीटीवी कैमरे, अलार्म, हथियारबंद गार्ड और आर्मी के जवानों के साथ ही पुलिस का सुरक्षा घेरा होता है। न्यूयॉर्क के फेडरल रिजर्व बैंक में सोने की सिक्योरिटी बहुत टाइट रहती है। यहां कई देशों का सोना रखा हुआ है। जमीन से 80 फीट नीचे स्थित यह तिजोरी 90 टन के स्टील सिलेंडर के रूप में है। 

ब्रिटेन से क्यों वापस मंगाया 100 टन सोना?

आरबीआई ने ब्रिटेन से अपना 100 टन सोना वापस मंगाया है। इतना ही सोना अभी और वापस आना है। 1990 के दशक में आरबीआई ने 40 करोड़ डॉलर का कर्ज लिया था। इस कर्ज के लिए रिजर्व बैंक को बैंक ऑफ इंग्लैंड में सोना गिरवी रखना पड़ा था। यह कर्ज तो कुछ साल बाद ही चुका दिया गया, लेकिन सोने को फिजिकल रूप से वापस लाने से जुड़ी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वहीं जमा कर दिया गया। इसके बाद भी भारत ने सोना खरीदकर बीओई के वॉल्ट में रखना जारी रखा। बताया जा रहा है कि विदेशी बैंक में सोना रखने की भारी-भरकम लागत से बचाने के लिए अब सोना वापस मंगाया जा रहा है।

भारत के मंदियों में है अथाह सोना

भारत के मंदियों में अमेरिकी सरकार के खजाने से भी तीन गुना ज्याद सोना रखा हुआ है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर जैसे मंदिरों में 4000 टन से अधिक सोना रखा हुआ है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने यह आंकड़ा दिया है। भारतीयों को सोना इतना पसंद है कि 25 हजार टन से ज्यादा सोना तो हम सहेजकर रखे हुए हैं।

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