बीएपीएस मंदिर में दीक्षा समारोह, अमेर‍िका से कनाडा तक के युवाओं ने ली दीक्षा

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गोंडल के बीएपीएस अक्षर मंदिर में संत प्रसादी दीक्षा समारोह आयोज‍ित क‍िया गया. इसमें 66 युवाओं को उपाध‍ि प्रदान की गई. इस मौके पर परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने सभी नए संतों को आशीर्वाद द‍िया. 23 अक्‍तूबर को आयोज‍ित पहले समारोह में 2 डॉक्टर, 4 पोस्टग्रेजुएट, 11 इंजीनियर, 7 साइंस ग्रेजुएट और 4 अन्य ग्रेजुएट्स शामिल थे.

इसी तरह 25 अक्टूबर को 37 युवाओं ने भगवती संत दीक्षा ली. इनमें 1 डॉक्टर, 1 पीएचडी, 4 मास्टर डिग्री होल्‍डर, 12 इंजीनियर, 18 ग्रेजुएट और 1 अन्य शामिल थे. खास बात इन 37 युवाओं में से 19 विदेश के रहने वाले हैं. 11 अमेरिका के जबक‍ि कनाडा- ब्रिटेन के 2-2 और अफ्रीका के 3 युवा हैं. महंत स्वामी महाराज ने अब तक कुल 322 स्वामियों को दीक्षा दी है. बीएपीएस आर्गनाइजेशन में मौजूदा समय में 1,220 स्वामी हैं.

Bhagwati Sant Diksha astatine  BAPS Akshar Mandir

समारोह की शुरुआत सुबह विशेष महापूजा से हुई. इस मौके पर 37 युवाओं के माता-पिता और परिवार के लोग मौजूद थे. सबने खुशी-खुशी इसमें ह‍िस्‍सा ल‍िया और उत्‍सव की तरह इसे मनाया. तमाम भक्त भी इस समारोह को देखने के लिए उपस्थित थे. पूजा के बाद सीन‍ियर संतों ने सभा को संबोधित किया. इसके बाद महंत स्वामी महाराज ने दीक्षा अनुष्ठान पूरे किए और हर नए स्वामी को नया नाम देकर आशीर्वाद प्रदान क‍िया. संतों ने इस मौके पर दीक्षा लेने वाले संतों के माता-पिता को सम्‍मानित भी क‍िया.

डॉक्‍टर, PhD होल्‍डर, इंजीनियर…अमेरिका से लेकर कनाडा, ऑस्‍ट्रेलिया के यूथ ने ली दीक्षा#AksharMandirDiksha https://t.co/WwTEZpBNO4

— News18 Hindi (@HindiNews18) October 26, 2024

परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने कहा, मैं इन त्यागियों के माता-पिता का धन्यवाद करता हूं. उन्होंने इन्हें अच्छी शिक्षा दी और फिर सेवा के लिए समर्पित कर द‍िया. साधु का मार्ग आसान नहीं है. इसके ल‍िए तपस्या, व्रत, सेवा, भक्ति और मन पर नियंत्रण करना होता है. यह केवल सच्चे गुरु के मार्गदर्शन से ही संभव है. सतपुरुष के माध्यम से ही ऐसा मार्ग मिलता है.

Bhagwati Sant Diksha astatine  BAPS Akshar Mandir

बीएपीएस सारंगपुर मंदिर के ‘संत तालीम केंद्र’ में स्वामीनारायण हिंदू धर्मशास्त्र, इतिहास और साहित्य के साथ-साथ रामायण, महाभारत, भगवद गीता, उपनिषद और अन्य हिंदू शास्त्रों की पढ़ाई होती है. संस्कृत, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी जैसी भाषाओं में दुन‍ियाभर के कई धर्मों के बारे में बताया जाता है. बीएपीएस ऑर्गनाइजेशन 55 से अधिक देशों में सेवा करता है. इसे संयुक्त राष्ट्र से भी मान्‍यता मिली हुई है. महंत स्वामी महाराज की दिव्य प्रेरणा से बीएपीएस सक्रिय रूप से सनातन हिंदू धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देता है. यह राष्ट्रीय सेवा और चरित्र निर्माण को प्रोत्साहित करता है.

FIRST PUBLISHED :

October 26, 2024, 22:47 IST

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