इस जंगली फल के हैं कई फायदे, दिल से जुड़ी बीमारियों को करता है ठीक

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जंगली

जंगली जलेबी में अनेकों औषधीय गुण होते है 

जयपुर. गांव और सड़क किनारों पर अक्सर जंगली जलेबी के पेड़ देखने को मिलते हैं. जंगली जलेबी का पेड़ नीम की तरह विशाल व छोटी पत्तियों वाला होता है. इस पेड़ का फल इमली की ओर जलेबी की तरह टेडा-मेडा होता है जो स्वाद में मीठा होता है. यह फल पकाने के बाद लाल और पीले रंग का हो जाता है.

आयुर्वेद में इस पेड़ में विशेष महत्व है. इस पेड़ में भरपूर औषधीय गुण मौजूद है. वैद्य रामेश्वर शर्मा ने बताया कि जंगली जलेबी में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. जंगली जलेबी कई बीमारियां को ठीक करने में सक्षम है. गांव में इस पेड़ के फल को बड़े चाव से खाया जाता है. जंगली जलेबी की तासीर ठंडी होती है.

जंगली जलेबी के औषधीय गुण
वैद्य रामेश्वर शर्मा ने बताया कि जंगली जलेबी में मौजूद पोटैशियम दिल से जुड़ी बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाता है. इसलिए दिल से जुड़ी बीमारी में जंगली जलेबी का प्रयोग करना चाहिए. इसमें मौजूद फ़ाइबर पाचन शक्ति को मज़बूत बनते हैं. इसके अलावा इसमें जंगल जंगली में मौजूद आयरन खून की कमी को दूर करता है.

आयरन की कमी होने पर जंगली जलेबी का सेवन ज़रूर करना चाहिए. इसमें  विटामिन सी की मात्रा ज़्यादा होती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा जंगली जलेबी में कैल्शियम और फ़ॉस्फ़ोरस की मात्रा ज़्यादा होती है, जिससे हड्डियां और दांत मज़बूत होते हैं. वहीं  इसके पत्तों में ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं.

जंगली जलेबी के धार्मिक महत्व
जंगली जलेबी का धार्मिक महत्व भारतीय संस्कृति और परंपराओं में महत्वपूर्ण है. हालांकि इसका धार्मिक उपयोग व्यापक रूप से नहीं देखा जाता है, कुछ स्थानों पर इसे पवित्र वृक्ष माना जाता है. राजस्थान की कई जगहों पर इसे भगवान को चढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, पेड़ों की पूजा करने की परंपरा है, और जंगली जलेबी के पेड़ को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

हिंदू धर्म में पेड़ों की पूजा और संरक्षण का महत्व अधिक है.  जंगली जलेबी, अपने छायादार और लाभकारी गुणों के कारण, पर्यावरण संतुलन में सहायक है, इसलिए इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है. इसके मीठे फलों को भगवान को प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसके फलों का उपयोग धार्मिक त्योहारों और पूजा में करते हैं.

Tags: Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

October 18, 2024, 22:37 IST

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