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इस बार चना से कमाना है लाखों? तो खेती में ये गलतियां मत करना, वरना उल्टा खेला हो जाएगा!
बोटाड: सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और इस दौरान रबी फसलें बोई जाती हैं. चना भी रबी सीजन की एक प्रमुख फसल है. इस समय कई किसान चने की खेती शुरू करते हैं, लेकिन बेहतर उत्पादन और मुनाफा कमाने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. बोटाड जिले के एग्रीकल्चर एक्सपर्ट चेतनभाई माथुकिया के अनुसार, चने की बुवाई फसल चक्रीकरण (crop rotation) के बाद करनी चाहिए. खेत में बची हुई फसल के अवशेषों को अच्छी तरह साफ करना जरूरी है. इसके साथ ही गोबर की खाद का उपयोग करें.
सिंचित क्षेत्रों में ‘गुजरात चना-5’
बता दें कि अनसिंचित क्षेत्रों में ‘गुजरात चना-6’ और ‘गुजरात चना-3’ लगाना बेहतर रहेगा. सर्दियों की ठंड अच्छी तरह शुरू होने के बाद बुवाई करना फायदेमंद रहेगा.
बीमारियों से बचाव कैसे करें?
चना की फसल में कई तरह की बीमारियां लग सकती हैं. इनमें मुख्य हैं जड़ सड़न, सूखरा रोग और हरी इल्ली. इनसे बचाव के उपाय:
जड़ सड़न रोग: बुवाई से पहले 1000 किलो प्रति हेक्टेयर मिट्टी में दिवाली खाद डालें.
सूखरा रोग: 2.5 किलो Trichoderma viridi को 250 किलो खाद में मिलाकर उपयोग करें.
जैविक उपाय: बुवाई के समय Trichoderma viridi या Trichoderma harzianum युक्त खाद (10 किलो जैविक खाद प्रति टन) को 1 टन/हेक्टेयर की दर से उपयोग करें.
हरी इल्ली से बचाव के उपाय
-धनिया या राई को इंटरक्रॉपिंग के रूप में लगाएं.
-खेत के चारों ओर गलगोटा पौधों की बाड़ लगाएं.
-खरपतवार को समय पर नष्ट करें.
-रासायनिक दवाओं (Chemical drugs) का उपयोग लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार ही करें.
अगर आप भी इस रबी सीजन में चना उगाने की सोच रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाएं. सही तकनीक और देखभाल से फसल न केवल अच्छी होगी, बल्कि आपकी कमाई भी कई गुना बढ़ेगी.
Tags: Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 09:57 IST