Agency:Local18
Last Updated:February 11, 2025, 22:40 IST
Jeera crop: जामनगर में जीरे की फसल तैयार है, लेकिन बूंदाबांदी और बदलते मौसम से किसानों की चिंता बढ़ गई है. फसल पर पाउडरी फफूंद का खतरा मंडरा रहा है.
![ओस की एक बूंद भी जीरे के लिए जहरीली! फसल बर्बाद होने से पहले ये जरूर करें ओस की एक बूंद भी जीरे के लिए जहरीली! फसल बर्बाद होने से पहले ये जरूर करें](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/jeera-ka-kheti-2025-02-bc8fa7d4d2096738802123575358ba09.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
जीरे की खेती
जामनगर जिले में जीरे की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. खासतौर पर हलार की मिट्टी इस मसाले के लिए अनुकूल मानी जाती है, जिससे यहां हर साल अच्छी पैदावार होती है. इस साल भी किसानों को बढ़िया फसल की उम्मीद थी, लेकिन मौसम ने अचानक करवट बदल ली है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.
बूंदाबांदी से किसानों की मुश्किलें बढ़ीं
जामनगर और हलार इलाके में आज से बूंदाबांदी हो रही है. इस बदले हुए मौसम की वजह से जीरे की कटाई में दिक्कतें आ रही हैं. फसल लगभग तैयार है और ऐसे समय में ज्यादा नमी या ओस पड़ना जीरे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. हल्की बारिश और लगातार बदलते तापमान के कारण किसानों को फसल के खराब होने का डर सता रहा है.
6600 हेक्टेयर में फैली है जीरे की खेती
जामनगर जिले में इस साल करीब 6600 हेक्टेयर जमीन पर जीरे की बुआई की गई थी. फसल अब अंतिम चरण में है, लेकिन सर्दियों में बदलते मौसम ने किसानों के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है. हल्की बारिश और ठंडी हवाओं के कारण फसल को फफूंद और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
फफूंद से बचाने के लिए किसानों का संघर्ष
इस समय जीरे की सबसे बड़ी समस्या पाउडरी फफूंद का संक्रमण है, जो फसल को कमजोर कर सकता है. इससे बचाव के लिए किसान अपनी फसलों पर रसायनों का छिड़काव कर रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, बादल छाए रहने पर जीरे की सिंचाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे फफूंद फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
सही सिंचाई से फसल बचाने की कोशिश
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भूमि कम ढलान वाली हो, तो फसल बोने के 45 दिन बाद सिंचाई करना बेहतर होता है. वहीं, जब फूल ठंडा हो जाए, तभी पानी देना चाहिए. गर्म और बादल भरे मौसम में सिंचाई करने से फसल कमजोर पड़ सकती है. अगर जीरे में सूखने की समस्या दिखे, तो मिट्टी में ट्राइकोडर्मा डालने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर सिंचाई रोककर भी फसल को मुरझाने से बचाया जा सकता है.
First Published :
February 11, 2025, 22:40 IST
ओस की एक बूंद भी जीरे के लिए जहरीली! फसल बर्बाद होने से पहले ये जरूर करें