कब और किस समय बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, आम लोगों की क्या हैं उम्मीदें ; जानिए पूरी डिटेल

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार 8वां बजट पेश करने जा रही हैं, जिसमें मध्यम वर्ग को महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से राहत दिलाने के लिए आयकर दरों और स्लैब में बदलाव की उम्मीद है. आम बजट में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग को राहत देने के उपाय किए जा सकते हैं.

निर्मला सीतारमण का एक नया रिकॉर्ड बनाने का समय आ गया है. वे एक फरवरी को लगातार 8वां बजट पेश करने वाली हैं. यह उनकी वित्त मंत्री के रूप में यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो 2019 में शुरू हुई थी जब उन्हें भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था. तब से सीतारमण ने सात बजट पेश किए हैं, और उनकी नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब उनके 8वें बजट की प्रतीक्षा की जा रही है, जो देश की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए नए उपाय पेश कर सकता है.

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आम बजट भाषण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे से लोकसभा में होगा. बजट के दिन का पूरा शेड्यूल क्या रहेगा? जानिए


Budget Day Schedule:  प्वाइंटर से समझिए बजट के दिन का पूरा शेड्यूल

  • सुबह 8:30 बजे: वित्त मंत्री अपने आवास से नॉर्थ ब्लॉक के लिए निकलेंगी.
  • सुबह 9:00 बजे: नॉर्थ ब्लॉक में बजट टीम के साथ फोटो शूट होगा.
  • सुबह 10:00 बजे: वित्त मंत्री, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी बजट के साथ संसद में प्रवेश करेंगे.
  • सुबह 10:15 बजे : PM मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी, कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी
  • सुबह 11:00 बजे: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश करेंगी.
  • दोपहर 12:00 बजे : राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होगी
  • दोपहर 3:00 बजे: निर्मला सीतारमण नेशनल मीडिया सेंटर पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगी

बजट 2025-26 से क्या है उम्मीदें

  • केंद्र सरकार आगामी बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है. किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की संभावना है, साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी सरकार ऐलान कर सकती है. किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कर्ज की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव हो सकता है.
  • महिला सशक्तीकरण के तहत सरकार इस बार बजट में महिलाओं के लिए नई घोषणाएं कर सकती है. विशेष रूप से "समान काम के लिए समान वेतन" की पुरानी मांग पर भी ध्यान दिया जा सकता है.
  • मिडिल क्लास के लिए आयकर की सीमा में छूट और 80C के तहत टैक्स बचत की सीमा बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है.
  • रेहड़ी-पटरी वालों की समस्याओं को दूर करने के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाने के उपाय किए जा सकते हैं. इसके अलावा, आयुष्मान योजना और पीएम आवास योजना के लिए सरकार फंड बढ़ा सकती है, जिससे अधिक लोगों को लाभ मिल सके.
  • मोदी सरकार के छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं कर सकती है, जिनमें टैक्स में कमी और इज ऑफ डूइंग बिजनेस के उपाय शामिल हो सकते हैं.
  • पर्यटन और रक्षा क्षेत्र पर भी सरकार का ध्यान केंद्रित हो सकता है, खासकर रोजगार सृजन की दिशा में. ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को लेकर भी सरकार बड़े कदम उठा सकती है, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर और पूंजीगत खर्चों पर फोकस करते हुए.
  • इसके अलावा, आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, विशेष रूप से बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में, सरकार चुनावी राज्यों को बड़ी सौगातें देने की योजना बना सकती है. बिहार के लिए विशेष घोषणाओं की भी संभावना है.


आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की खास बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया था. सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की जीडीपी 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि युद्ध और तनाव के कारण भू-राजनैतिक जोखिम बने हुए हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को खतरा बना हुआ है.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का सर्विस ट्रेड सरप्लस में होने के कारण व्यापार खाते में संतुलन में बना हुआ है.  मजबूत सर्विसेज के निर्यात के कारण वैश्विक सर्विस निर्यात में देश सातवें स्थान पर पहुंच गया है, जो इस सेक्टर में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दिखाता है.

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक महंगाई नियंत्रण में है. वित्त वर्ष 25 के अप्रैल- दिसंबर की अवधि में औसत महंगाई कम होकर 4.9 हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 5.4 प्रतिशत थी.

सर्वेक्षण में कहा गया कि महंगाई को स्थिर करने में सरकार के सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप महत्वपूर्ण रहे हैं. इन उपायों में आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए बफर स्टॉक को मजबूत करना, समय-समय पर खुले बाजार में सामान जारी करना और आपूर्ति की कमी के दौरान आयात को आसान बनाने के प्रयास शामिल हैं. चुनौतियों के बावजूद भारत में महंगाई प्रबंधन के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत की खुदरा महंगाई धीरे-धीरे वित्त वर्ष 2026 में लगभग 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हो जाएगी.

बजट सत्र के भी हंगामेदार रहने की संभावना!
सरकार ने बजट सत्र में चर्चा और पारित करने के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक के साथ तीन अन्य नए मसौदा कानूनों को सूचीबद्ध किया है. सरकार ने सदन को सुचारु रूप में चलाने में विपक्ष का सहयोग मांगा है. हालांकि, शीतकालीन सत्र की ही तरह बजट सत्र के भी हंगामेदार रहने की संभावना है. विपक्ष इस सत्र में बीजेपी की विफलता के रूप में प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ को मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा.

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