कब है भाई दूज? बन रहे 2 योग, जानें तिलक लगाने का मुहूर्त, यम द्वितीया महत्व

2 hours ago 1

भाई और बहन का त्योहार भाई दूज हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते हैं. इसे यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं, जहां पर बहन उनको तिलक लगाती हैं, उनका आदर-सत्कार करती हैं और भोजन कराती हैं. भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं. इस प्रकार से त्योहार मनाने पर भाइयों पर यम की दृष्टि नहीं होती है. वे यमराज की दृष्टि से बचते हैं, उनकी सुरक्षा होती है. भाई को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है. इस बार भाई दूज पर 2 शुभ योग भी बन रहे हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि भाई दूज कब है? भाई दूज का शुभ मुहूर्त क्या है? उस दिन कौन से 2 शुभ योग बन रहे हैं? भाई दूज का महत्व क्या है?

भाई दूज 2024 तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 नवंबर शनिवार को रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है. इस ति​थि का समापन 3 नवंबर रविवार को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर भाई दूज यानी यम द्वितीया का त्योहार मनाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कब है धनतेरस? 1 घंटा 41 मिनट का शुभ मुहूर्त, बनेगा त्रिपुष्कर योग, जानें सोना खरीदने का सही समय, महत्व

2 शुभ योग में भाई दूज 2024
3 नवंबर को भाई दूज के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. उस दिन सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर दिन में 11 बजकर 40 मिनट तक है. उसके बाद से शोभन योग बन रहा है, जो पूरी रात तक है. ये दोनों ही योग शुभ हैं. भाई दूज के शुभ मुहूर्त के समय शोभन योग बना है. उस दिन अनुराधा नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक है.

भाई दूज 2024 शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:49 ए एम से 05:42 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:39 ए एम से दोपहर 12:23 पी एम तक
अमृत काल: 08:45 पी एम से 10:30 पी एम तक
विजय मुहूर्त: 01:50 पी एम से 02:34 पी एम तक
भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ समय: दोपहर 01:06 पी एम से 03:17 पी एम तक

भाई दूज के दिन भाई को तिलक लगाने के लिए 2 घंटे 11 मिनट का शुभ मुहूर्त है. इस समय में भाइयों को बहन के घर पर पहुंच जाना चाहिए, ताकि वे समय पर विधि विधान से पूरे कार्य कर सकें.

ये भी पढ़ें: 5 शुभ संयोग में मनाई जाएगी अहोई अष्टमी, जानें पूजा मुहूर्त, व्रत नियम और महत्व

भाई दूज का महत्व
भाई दूज को यम द्वितीया कहते हैं यानी यम की द्वितीया. यमराज की बहन यमुना ने अपने भाई से शिकायत की थी कि वे उनके घर नहीं आते हैं. इस पर यमराज कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना के घर गए, जिससे वे काफी खुश हुईं. उन्होंने यमराज का आदर-सत्कार किया तो यम भी बहुत प्रसन्न हैं. उन्होंने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया कि जो भी भाई इस तिथि को अपनी बहन के घर जाएगा, उसे यम का भय नहीं होगा. भाई दूज को बहन अपने भाई के सुख और समृद्धि की कामना करती है.

Tags: Bhai dooj, Dharma Aastha, Religion

FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 08:37 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article