सतना जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर वसूली का आरोप
शिवांक द्विवेदी, सतना: सतना जिला अस्पताल इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जहां इलाज के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली के आरोपों ने शहर में हड़कंप मचा दिया है. हाल ही में एक वायरल वीडियो ने इन आरोपों को हवा दी, जिसमें नर्स रमा मिश्रा को पैसे लेते हुए दिखाया गया. इस वीडियो के सामने आने के बाद अस्पताल की सेवाओं पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. साथ ही, मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता
सतना जिला अस्पताल के इस वायरल वीडियो ने शहरवासियों में गहरी चिंता पैदा कर दी है. वीडियो में दिखाया गया है कि नर्स रमा मिश्रा मरीजों से पैसे लेते हुए नजर आ रही हैं. इसके बाद से अस्पताल प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं. यही नहीं, एक और चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब एक मरीज को 2025 की सोनोग्राफी की तारीख दी गई, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया.
मरीजों और उनके परिजनों द्वारा अस्पताल में स्ट्रैचर की कमी की शिकायतें भी सामने आईं. स्ट्रैचर की अनुपलब्धता के कारण परिजन मरीजों को गोद में उठाकर ले जाते देखे गए, जो कि अस्पताल की व्यवस्थाओं पर एक बड़ा सवालिया निशान है.
खर्चा-पानी के बिना नहीं होता काम
अस्पताल में पैसे मांगने के आरोपों को लेकर कई मरीजों ने अपनी आपबीती साझा की. उनका कहना है कि बिना “चाय-पानी” का खर्च दिए अस्पताल में किसी भी काम को जल्दी नहीं किया जाता. लोकल 18 की टीम जब इस मामले की पड़ताल के लिए जिला अस्पताल पहुंची, तो वहां मौजूद कई मरीजों ने अपनी पहचान न बताने की शर्त पर आरोपों की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि अस्पताल में गरीब और जरूरतमंद मरीजों के साथ सही व्यवहार नहीं किया जाता, और कई बार उन्हें महीनों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है.
समाजसेवी ने किया आरोपों का खंडन
वहीं, अस्पताल में इलाज करा रहे एक समाजसेवी, राजेश दुबे, ने इन आरोपों को खारिज किया. लोकल 18 से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि अस्पताल में कुछ व्यवस्थागत समस्याएं जरूर हैं, लेकिन स्टाफ द्वारा पैसे मांगने के आरोप सही नहीं हैं. उनके अनुसार, अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण कभी-कभी व्यवस्थाओं में खामियां दिखती हैं, परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि स्टाफ जानबूझकर वसूली करता है.
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष
जब लोकल 18 ने इस मामले पर अस्पताल के आरएमओ डॉ. शरद दुबे से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि नर्स रमा मिश्रा के खिलाफ तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था. नर्स द्वारा दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.
डॉ. दुबे ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पताल की क्षमता 400 बेड की है, लेकिन कई बार यहां 1000 से अधिक मरीज आ जाते हैं, जिससे प्रबंधन में परेशानियां आती हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार काम कर रहा है और व्यवस्था सुधारने की कोशिशें जारी हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 23, 2024, 10:48 IST