रिटायरमेंट लेकर भक्ति करने लगी संतोष देवी
जयपुर. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश व पूजा करने को लेकर समाज में अलग-अलग मत सामने आते हैं, लेकिन बदलते दौर में बड़े-बड़े मंदिरों में अब महिलाएं पूजा के काम में बढ़ चढ़कर भाग ले रही है. जहां पहले कई मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध थे तो वहीं दूसरी अब कई मंदिरों में महिला पुजारी पूजा भी कर रही है. ऐसी ही एक कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं.
जयपुर ग्रामीण जिले के सांभर शहर से 7 किलोमीटर नमक झील के किनारे बने पीथा बाबा महाराज का एक विशाल मंदिर मौजूद है. वर्तमान में इस मंदिर की देखभाल और पूजा अर्चना एक महिला पुजारी संतोष देवी द्वारा की जा रही है. यह महिला पिछले 15 साल से इस मंदिर में पूजा अर्चना कर रही है. इस महिला पुजारी का नाम संतोष देवी है. ये रोजाना दिन भर इसी मंदिर में रहती है. संतोष देवी ने बताया कि जब मैंने मंदिर में पूजा का कार्य शुरू किया तो लोगों ने मेरा खूब विरोध किया. मुझे मंदिर में प्रवेश भी नहीं करने दिया, लेकिन ईश्वर के प्रति मेरा विश्वास अटूट था. मैं डटी रही आखिर लोगों ने ही हार मानी.
रिटायरमेंट लेकर भक्ति करने लगी संतोष देवी
संतोष देवी ने बताया कि वह सरकारी नौकरी करती थी. ईश्वर के प्रति उनका विश्वास हमेशा से अटूट रहा है. पीथा बाबा महाराज हमारे इष्ट देव हैं. लेकिन पुरुष पुजारी इस मंदिर की सही देखरेख नहीं करते थे. पूजा की समय पर नहीं हो पाती थी इसलिए मैंने अपनी नौकरी से रिटायरमेंट ले लिया और पूर्ण रूप से इष्ट देव पीथा बाबा की सेवा में लग गई.
महिला पुजारी का खूब हुआ था विरोध
संतोष देवी ने बताया कि मंदिर की पूजा का काम एक महिला के करने की बात को लेकर लोगों ने बहुत विरोध किया. कई लोगों ने मंदिर जाने पर रोक भी लगा दी लेकिन मैंने ने तमाम विरोध की परवाह किए बिना ही मंदिर की सेवा करना जारी रखा. उसके बाद धीरे-धीरे विरोध करने वालों की संख्या कम हो गई. आज मैं पूरे मंदिर की देखभाल स्वयं कर रही है लगभग 70-72 साल की उम्र होने की बावजूद भी संतोष पूरे मंदिर का प्रबंध खुद ही कर रही है. कभी-कभी परिवार के अन्य सदस्य भी संतोष की मदद करते हैं.
72 साल की है संतोष देवी
जयपुर ग्रामीण के सांभर शहर में 72 वर्षीय महिला पुजारी संतोष मूल रूप से माली वर्ग के अजमेरा गोत्र से संबंध रखती है. वह रोजाना सुबह शाम मंदिर आकर पिथा बाबा महाराज की पूजा व आरती कर रही है. वह मंदिर की साफ सफाई व सारी व्यवस्था मुफ्त करती है. उन्होंने बताया कि मुझे कोई तनख्वाह भी नहीं मिलती है. मंदिर में होने वाले सारे खर्चे को में स्वयं ही वहन कर रही हूं. महिला पुजारी संतोष मंदिर पूजा के काम से संतुष्ट नजर आती है. शरीर से कमजोर होने के बावजूद में संतोष देवी मंदिर की पूजा अर्चना में कभी थकती नहीं है. वह सारा दिन ईश्वर की भक्ति में रहती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 26, 2024, 12:53 IST