सरकार ने मोबाइल यूजर्स को फर्जी मैसेज से राहत देने के लिए बड़ी तैयारी कर ली है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल, जियो, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनल को स्पैम मैसेज से निपटने के लिए ट्रायल बेसिस पर स्वदेशी स्पैम ब्लॉकिंग सॉल्यूशन लागू करने के लिए कहा है। इस ट्रायल के लिए रिव्यू मीटिंग अगले महीने यानी फरवरी में होगी। गृह मंत्रालय (MHA) ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से इस रिव्यू मीटिंग के लिए फीडबैक भी मांगा है। इस मीटिंग में सभी टेलीकॉम ऑपरेटर के साथ-साथ साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर और I4C के अधिकारी शामिल होंगे।
दिल्ली बेस्ड सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी टेलीकम्युनिकेशन्स कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (TCIL) का यह स्वदेशी स्पैम ब्लॉकिंग सॉल्यूशन मोबाइल यूजर्स के नंबर पर आने वाले फर्जी मैसेज को नेटवर्क लेवल पर ही ब्लॉक कर देगा। TCIL ने स्पैम मैसेज को ब्लॉक करने के लिए एक स्वदेशी SMS ट्रांसपेरेंसी सॉल्यूशन तैयार किया है। TCIL सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को बिना किसी खर्च के यह टूल ऑफर करने के लिए तैयार हो गई है।
कैसे करता है काम?
TCIL के अधिकारी ने कंफर्म किया है कि यह टूल पूरी तरह से भारत में डिजाइन किया है। इसके लिए स्वदेशी ब्लॉकचेन सॉल्यूशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का यूज किया गया है। यह टेक्नोलॉजी यूजर के नंबर पर आने वाले स्पैम मैसेज के URL को नेटवर्क लेवल पर ब्लॉक करती है, फिर उसे वेरिफाई करके मैसेज कंटेंट यूजर्स को भेजा जाता है।
दिल्ली बेस्ड इस कंपनी ने इस टेक्नोलॉजी को MTNL नेटवर्क पर प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट (POC) के तौर पर शुरू किया था। इसमें लाइव टेलीकॉम एनवायरमेंट में स्पैम वॉइस और डेटा सर्विसेज के लिए लाया गया था। पिछले कुछ महीनों में टेलीकॉम ऑपरेटर्स स्पैम कॉल और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है।
दूरसंचार विभाग और नियामक ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को इस तरह के फर्जी कॉल्स को नेटवर्क लेवल पर ब्लैकलिस्ट करने के लिए DLI सिस्टम लाने के निर्देश भी दिए हैं। अगर, यह स्वदेशी टेक्नोलॉजी ट्रायल में कारगर साबित होती है तो यूजर्स के नंबर पर आने वाले फर्जी मैसेज को ब्लॉक करने में मदद मिलेगी और साइबर अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाया जा सकेगा।
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