Agency:News18 Bihar
Last Updated:January 31, 2025, 20:55 IST
Gopalganj News : गंगा नदी के आसपास की इलाके में जब भी मूर्ति बनाई जाती है, तो गंगा से निकली मिट्टी का उपयोग किया जाता है. लेकिन हमारे यहां चंवर की काली मिट्टी का उपयोग किया जाता है. यह मिट्टी दो मायने में खास ह...और पढ़ें
मां सरस्वती की मूर्ति बनाते मूर्तिकार
हाइलाइट्स
- चंवर की काली मिट्टी से बनती है मां सरस्वती की मूर्ति.
- मूर्ति निर्माण में पवित्रता और शुद्धता का रखा जाता है ख्याल.
- मूर्तिकार ने मिट्टी की मूर्ति उपयोग करने की अपील की.
गोपालगंज. बसंत पंचमी को लेकर हर ओर उत्सव का माहौल दिख रहा है. पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं से लेकर गांव के युवा तथा आम लोग जहां सरस्वती पूजा समारोह की तैयारी में लगे हैं. वहीं मुर्तिकार, मां सरस्वती के प्रतिमा को अंतिम रूप दे रहे हैं.
जितनी निष्ठा से हम मां सरस्वती की पूजा करते हैं, ठीक उतनी ही पवित्रता और निष्ठा से मूर्तिकार मां सरस्वती के मूर्ति का निर्माण भी करते हैं. किस मिट्टी से मूर्ति बनाई जाती है और मूर्ति निर्माण की प्रक्रिया में किन-किन बातों का ख्याल मूर्तिकार रखते हैं. यह जानने के लिए लोकेल- 18 की टीम गोपालगंज शहर के मिंज स्टेडियम के समीप मुर्ति का निर्माण कर रहे एक मुर्तिकार के पास पहुंची. वहां मुर्तिकार राजकुमार ने विस्तार से इस पूरी प्रक्रिया को समझाया.
चंवर की शुद्ध मिट्टी से होता है मूर्ति का निर्माण
मुर्तिकार राजकुमार बताते हैं कि पिछले 15 सालों से उनके परिवार के लोग और वह मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं. यह बताते हैं की गंगा नदी के आसपास की इलाके में जब भी मूर्ति बनाई जाती है, तो गंगा से निकली मिट्टी का उपयोग किया जाता है. लेकिन हमारे यहां चंवर की काली मिट्टी का उपयोग किया जाता है. यह मिट्टी दो मायने में खास होती है. एक एक तो चंवर की मिट्टी किसी भी तरीके के प्रदूषण या गंदगी से मुक्त होती है. दूसरी यह कि इस मिट्टी में मजबूती होती है. मूर्ति के फटने का डर कम रहता है. ऊपर से लिप लगाने के लिए लोकल मिट्टी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन पहले उसमें चंवर के काली मिट्टी को ही चढ़ाया जाता है, ताकि मूर्ति मजबूत और अच्छी क्वालिटी की बने.
पवित्रता का रखा जाता है काफी ख्याल
मुर्तिकार राजकुमार बताते हैं की मूर्ति बनाने के समय पवित्रता का भी काफी ख्याल रखा जाता है. जब से मूर्ति बनाने की शुरुआत करते हैं, शाकाहारी भोजन करते हैं. साफ और शुद्ध होकर मुर्ति का निर्माण शुरू करते हैं. ऐसे करने से मुर्ति की क्वालिटी भी बेहतर होती है. वे बताते हैं कि मुर्ति से लोगों की काफी आस्थ जुडी़ होती है, इसलिये शुद्धता का ख्याल रखा जाता है.
मिट्टी की मूर्ति का उपयोग करने की अपील
मूर्तिकार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग सरस्वती पूजा में मिट्टी की मूर्ति का प्रयोग करें. पीओपी की मूर्ति की उपयोग से कई तरह के प्रदूषण उत्पन्न हो रही है. कई राज्यों में पीओपी की मूर्तियों पर रोक भी लगा दी गई है.
Location :
Gopalganj,Bihar
First Published :
January 31, 2025, 20:55 IST