Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:January 31, 2025, 06:31 IST
National Games 2025: रानी नायक ने लोकल 18 से कहा कि उन्हें बचपन से ही खेलों में काफी रुचि थी. उन्होंने गांव के एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी की. एक बार उन्होंने अखबार में मीराबाई चानू की खबर पढ़ी थी. चानू को देख ...और पढ़ें
रानी नायक मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की रहने वाली हैं.
देहरादून. भारत के लिए भारोत्तोलन यानी वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने वाली प्रथम महिला साईखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) वेटलिफ्टिंग में करियर बनाने वाली लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. उनको आदर्श मान तमाम लड़कियां वेटलिफ्टिंग में दमखम दिखा रही हैं. ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं रानी नायक. उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल (National Games Uttarakhand) में वेटलिफ्टिंग में रानी ने कांस्य पदक हासिल किया है. वह मूल रूप से मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता किसान हैं. कांस्य पदक विजेता रानी नायक ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि उन्होंने नेशनल गेम्स में वेटलिफ्टिंग (45 किलोग्राम वर्ग) में अपने राज्य मध्य प्रदेश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया है. उन्होंने 66 किलोग्राम और 80 किलोग्राम भार उठाते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
मजबूत इरादों वालीं 20 वर्षीय रानी नायक का वजन 44 किलो है और वह 80 किलोग्राम वजन उठा लेती हैं. यह अपने आप में बड़ी बात है. रानी ने बताया कि उन्हें बचपन से ही खेलों के प्रति रुचि रही. वह गांव के एक सरकारी स्कूल से पढ़ी हैं. वह अखबार पढ़ती हैं, जिसमें एक बार उन्होंने मीराबाई चानू की खबर पढ़ी थी. चानू को देखकर उन्होंने भी वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी बनने का मन बना लिया. उनका कहना है कि मीराबाई चानू जैसी सफल वेटलिफ्टर बनने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब जीतने की हर वेटलिफ्टर की चाह होती है और वह भी यही सपना देखती हैं.
वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल भी किया अपने नाम
रानी नायक ने कहा कि वेटलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है, जिसमें ताकत, तकनीक और अनुशासन की जरूरत होती है. इसके लिए लगातार मेहनत करनी होती है, जो वह कर रही हैं. उनके गांव में संसाधनों की कमी थी और स्कूल के दौरान अभ्यास करना भी काफी मुश्किल था, इसलिए उन्होंने इंटरमीडिएट करने के बाद इंदौर का रुख किया, जहां वह ट्रेनिंग ले सकती थीं. वेटलिफ्टिंग की तकनीक को सीखने के बाद वह कई प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगीं. उन्होंने मई 2023 में बेंगलुरु में आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा वह हिमाचल प्रदेश में आयोजित सीनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2024 में एक रजत पदक और एक कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं. रानी ने बताया कि उनके पिता किसान हैं लेकिन अपनी बेटी को उन्होंने पढ़ाने-लिखाने के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश की. रानी अपने माता-पिता और अपने कोच को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं.
Location :
Dehradun,Uttarakhand
First Published :
January 31, 2025, 06:31 IST
किसान की बेटी ने वेटलिफ्टिंग में जीता ब्रॉन्ज, मीराबाई चानू से मिली प्रेरणा