अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में अब सभी कोल्ड स्टोरेज में सड़ने-गलने वाले आलूओं को अब फेंकने या गड्ढे में दबाये जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. अब इन आलुओं को वैज्ञानिक तरीके से प्लाट में कंपोस्ट करके खाद तैयार की जाएगी जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी. सड़े-गले आलुओं से बनाई गई खाद का रिकॉर्ड रखकर संचालक किसानों को बेच भी सकेंगे. इसके लिए संचालक विषय विशेषज्ञों की सलाह लेकर कार्य करेंगे. उद्यान विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने सूबे के सभी जिलाधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी को यह आदेश जारी किया है.
आपको बता दें कि अलीगढ़ जिले में लगभग 118 निजी शीतग्रह हैं. इनमें 114 में आलू और फल का स्टोरेज होता है. इनमें हर साल करीब साढ़े 12 लाख मीट्रिक टन आलू स्टोरे किया जाता है. इसमें करीब एक से दो फ़ीसदी सब्जियां कई बार अलग-अलग कारणों से सड़-गल कर खराब हो जाती हैं जिन्हें शीतग्रह संचालक द्वारा सड़कों के किनारे फिंकवा दिया जाता है. कुछ गड्ढा खोदकर मिट्टी में दबा देते हैं. अब सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. कारण यह है कि मिट्टी में उपलब्ध धातुओं और रसायनों को प्रभावित कर रहे हैं. इससे मिट्टी और भूजल दूषित हो रहा है.
जिले के उद्यान अधिकारी डीएचओ शिवानी तोमर ने बताया कि कोल्ड स्टोर में जो भी आलू खराब हो जाता है या सड़ गल जाता है उसके निस्तारण के लिए कोल्ड स्टोरेज संचालकों को सुझाव दिया जा रहा है कि वह लोग इनका खाद बनाकर निस्तारण कर सकते हैं. कोल्ड स्टोरेज संचालक अपने ही कोल्ड स्टोरेज के पीछे के एरिया में एक पिट बनाकर उसमें सड़े गले आलू और सब्जियों को डालकर खाद बना सकते हैं. इसके बाद उस खाद को किसानों को दे सकते हैं. इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स को बोला जा रहा हैं कि इन कटे छंटे आलुओं को गौशाला में भिजवा सकते हैं जिससे कि गौशाला में मौजूद गायों के खाने में यह काम आ सकता है.
शिवानी तोमर ने आगे कहा कि शीतगृहों यानी कोल्ड स्टोरेज में सड़ने वाले आलू या फल को अब न तो बाहर फेंका जाएगा और ना ही उसे गड्ढों में दबाए जाएगा. नए आदेश के तहत संचालकों को दो माह के भीतर प्लांट में वैज्ञानिक निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी जिससे इन सड़े-गले आलुओं का खाद बनाकर किसानों को उपलब्ध कराया जा सके. यह खाद बाजार में मिलने वाली खाद से सस्ती होगी क्योंकि इसको बनाने का प्रोसीजर बहुत सिंपल और साधारण है. इसके साथ ही यह खाद किसानों के लिए लाभकारी होगी. किसान अपनी फसलों में इस खाद का उपयोग करके अपनी फसलों को बेहतर बना सकते हैं और यह खाद सभी प्रकार की फसलों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 22:37 IST