Last Updated:February 11, 2025, 21:34 IST
Vastu Tips For Main Gate : घर का मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में होना बहुत जरूरी है. यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करता है. सही दिशा में बनाए गए मुख्...और पढ़ें
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मुख्य द्वार से जुड़े वास्तु टिप्स
हाइलाइट्स
- मुख्य द्वार की सही दिशा से सकारात्मक ऊर्जा आती है.
- उत्तर दिशा में द्वार धन और समृद्धि लाता है.
- उत्तर-पूर्व दिशा में द्वार से शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है.
Vastu Tips For Main Gate : वास्तु शास्त्र हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसे प्राचीन काल से ही बहुत महत्व दिया गया है. यह शास्त्र न सिर्फ घर की संरचना बल्कि उसमें प्रवेश करने वाली ऊर्जा पर भी ध्यान केंद्रित करता है. अगर घर में वास्तु के अनुसार कोई चीज़ ठीक नहीं है, तो नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है, जो घर के वातावरण और जीवन में समस्या उत्पन्न कर सकती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार का सही स्थान और दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यही वह स्थान है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. इस आर्टिकल में हम मुख्य द्वार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स के बारे में जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
मुख्य द्वार का महत्व
वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है, क्योंकि यह न सिर्फ घर में प्रवेश करने का रास्ता होता है, बल्कि यह घर की समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति का प्रतीक भी है. यह द्वार घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराता है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालता है. इसलिए यह जरूरी है कि घर का मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार सही दिशा में हो, ताकि घर में हमेशा खुशहाली बनी रहे और घरवाले स्वस्थ और खुशहाल रहें.
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मुख्य द्वार के लिए सही दिशा
वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार के लिए कुछ दिशाओं को सबसे शुभ माना गया है.
1. उत्तर दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में मुख्य द्वार का होना धन, समृद्धि और भाग्य को आकर्षित करता है. यह दिशा घर के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है, क्योंकि यहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर के सदस्यों का भाग्य जाग्रत होता है.
2. उत्तर-पूर्व दिशा: इस दिशा में मुख्य द्वार होने से घर में शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है. सूर्योदय के समय इस दिशा में सूर्य की किरणें प्रवेश करती हैं, जो घर में सकारात्मकता लाती हैं. यह दिशा भी बहुत शुभ मानी जाती है और घर में शांति और ऊर्जा का संचार करती है.
3. पूर्व दिशा: हालांकि, वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को सर्वोत्तम नहीं माना जाता, फिर भी यह दिशा घर के सदस्यों की मानसिक ऊर्जा और उत्साह को बढ़ाने में सहायक होती है. इस दिशा में द्वार होने से घर के सदस्य सक्रिय और प्रसन्न रहते हैं.
4. दक्षिण-पूर्व दिशा: अगर आपके पास कोई और विकल्प नहीं है, तो आप दक्षिण-पूर्व दिशा में मुख्य द्वार बना सकते हैं. यह दिशा भी शुभ मानी जाती है, लेकिन उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा से कम प्रभावी होती है.
5. उत्तर-पश्चिम दिशा: यह दिशा भी मुख्य द्वार के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है. अगर आपके पास कोई और स्थान उपलब्ध नहीं है और आपका घर उत्तर दिशा के पास नहीं है, तो आप इस दिशा में मुख्य द्वार बना सकते हैं. यह दिशा घर में सकारात्मक बदलाव लाती है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करती है.
First Published :
February 11, 2025, 21:33 IST