आलू के खेत
Potato Cultivation: किसान कुंवरपाल जो बल्लभगढ़ के डीग गांव में 20 एकड़ में आलू की खेती करते हैं. सरकार से आलू के दाम कम ...अधिक पढ़ें
- News18 Haryana
- Last Updated : November 21, 2024, 21:27 IST
फरीदाबाद. किसान कुंवरपाल बल्लभगढ़ के डीग गांव में 20 एकड़ में आलू की खेती करते हैं, जिससे उनका घर का खर्च चलता है. आलू की फसल में बहुत खर्च आता है, विशेष रूप से जुताई, खाद, सिंचाई और दवाइयों पर. किसान ने सरकार से मांग की है कि यदि आलू के दाम कम हों, तो उनकी आर्थिक मदद की जाए, ताकि उनका परिवार अच्छे से जीवन यापन कर सके.
आलू की बुवाई और खेती का तरीका
किसान कुंवरपाल ने Local18 को बताया कि आलू की फसल बुवाई से पहले 8 से 10 बार खेतों की जुताई करनी पड़ती है. 20 एकड़ में आलू की बुवाई करने के बाद डीएपी खाद बिखेर कर बिजाई की जाती है. इसके साथ ही पोटाश और सल्फर जैसे अन्य खादों का भी प्रयोग किया जाता है. बुवाई के बाद 20 दिन के भीतर पानी और फंगीसाइड दवाइयों का छिड़काव भी करना पड़ता है. यदि ठंड ज्यादा बढ़ जाती है तो आलू खराब हो सकते हैं, और पाले पड़ने से आलू गल भी सकते हैं.
आलू की पैदावार और सिंचाई
कुंवरपाल ने बताया कि एक एकड़ में करीब 250 से 300 बैग आलू होता है, जिसमें एक बैग में 50 किलो आलू होता है. पिछली बार आलू का दाम 400 से 500 रुपये प्रति पैकेट था. एक एकड़ में आलू की फसल में 4 से 5 बार सिंचाई करनी पड़ती है. आलू की फसल 3 से 4 महीने में तैयार हो जाती है, जो फरवरी से मार्च के बीच में उग आती है.
परिवार का खर्च और सरकार से मांग
किसान ने बताया कि आलू की फसल उखाड़ने के बाद खेतों में पशुओं के लिए चारा और अन्य फसलें जैसे ज्वार, मूंग, और खीरा लगा देते हैं. यदि आलू के दाम अच्छे मिलते हैं, तो परिवार का खर्च आसानी से चल जाता है, लेकिन अगर रेट कम होते हैं तो परेशानी होती है. किसान ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि यदि आलू के दाम कम हो तो सरकार उनकी मदद के लिए कुछ कदम उठाए और नुकसान की भरपाई करें.
Edited By- Anand Pandey
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 21:27 IST