Last Updated:January 31, 2025, 07:33 IST
Ganesh Jayanti Katha: गणेश जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें भगवान गणेश की शक्ति और उनके आशीर्वाद की याद दिलाता है. इस दिन उनकी पूजा करके हम अपने जीवन के सभी संकटों को दूर कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर स...और पढ़ें
Ganesh Jayanti: गणेश जयंती भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. यह फरवरी को माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को विनायक चतुर्थी और माघी गणेश जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस बार विनायक चतुर्थी 1 फरवरी को पड़ रही है. इस दिन का क्या महत्व है, इसकी कथा से लेकर संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं पंडित अनिल शर्मा.
गणेश जयंती का महत्व
गणेश जी को विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता और शुभ शुरुआत के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि गणेश जयंती के दिन उनकी पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है.
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गणेश जयंती की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने अपने शरीर पर लगी हल्दी को साफ करने के लिए उबटन लगाया. जब उन्होंने उबटन को अपने शरीर से हटाया तो उससे एक सुंदर और दिव्य पुतला बन गया. माता पार्वती उस पुतले को देखकर बहुत प्रसन्न हुईं और उन्होंने उसमें अपनी दिव्य शक्ति से प्राण डाल दिए. इस प्रकार भगवान गणेश का जन्म हुआ.
माता पार्वती ने भगवान गणेश को अपने शरीर के मैल से बनाया था और उन्हें द्वारपाल के रूप में नियुक्त किया था. जब भगवान शिव वापस आए तो गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोका. क्रोधित होकर शिव ने उनका सिर काट दिया. माता पार्वती के विलाप करने पर शिव ने गणेश जी के सिर को हाथी के सिर से बदल दिया और उन्हें अपना पुत्र स्वीकार किया. गणेश जी को देवताओं ने आशीर्वाद दिया और वे प्रथम पूज्य बन गए.
गणेश जयंती के मंत्र:
1- ॐ गं गणपतये नमः
2- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विध्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
First Published :
January 31, 2025, 07:33 IST