जयपुर. हार्ट ट्रांसप्लांट दुनिया की सबसे क्रिटिकल सर्जरी मानी जाती है. सफल ट्रांसप्लांट के बाद भी मरीज को कई तरह की सावधानियां रखने के साथ ही दवाओं पर निर्भर रहना होता है. ऐसे में छोटी सी दिक्कत जान पर भारी पड़ सकती है. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े राजधानी जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने हार्ट ट्रांसप्लांट किए हुए मरीज की लेप्रोस्कॉपी सर्जरी करने में कामयाबी हासिल की है. पीड़ित रोगी अब पूरी तरह से स्वस्थ है.
जानकारी के अनुसार धौली देवी का एसएमएस में ही साल 2022 में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था. लेकिन पिछले एक साल से वो पेट दर्द की शिकायत से परेशान थी. कई बार जांच के बाद भी कारणों का पता नहीं चलने पर जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टर जीवन कांकरिया ने सीटी स्कैन कराया. तब पता चला की मरीज के ओवेरियन ट्युमर है. उसके बाद डॉक्टर्स की टीम ने उसकी सर्जरी का प्लान किया.
इस तरह की सर्जरी कई मायनों में चुनौती भरी होती है
डॉ. जीवन कांकरिया ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट के मरीज के सर्जरी कई मायनों में चुनौती भरा होता है. मरीज को कई तरह के इफेंक्शन से बचाना होता है. तमाम पहलुओं पर मंथन करने के बाद धौली देवी की लेप्रोस्कॉपी सर्जरी करना तय किया गया. लेकिन यह आसान भी नहीं था. क्योंकि लेप्रोस्कॉपी के दौरान पेट में कार्बन डाईआक्साइड भरने के कारण हार्ट पर प्रेशर बढ़ने का खतरा बना हुआ था.
तीन अलग अलग विभाग के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ शामिल हुआ
डॉ. जीवन कांकरिया ने बताया कि इस सर्जरी के दौरान तीन अलग अलग विभाग के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ शामिल रहे. उन्होंने बताया कि मरीज के ओवरी में दो बड़ी बड़ी गठान थी. उनको सर्जरी कर निकाल दिया गया है. डॉक्टर ने बताया की सर्जरी के बाद महिला स्वस्थ्य है. बहरहाल हार्ट ट्रांसप्लांट मरीज की एक और सफल सर्जरी ने एसएमएस के डॉक्टर्स की योग्यता को साबित किया है. उनकी यह उपलब्धी मेडिकल सेक्टर में चर्चा का विषय बनी हुई है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 16:37 IST