जहानाबाद के सेवनन पंचायत का भगवानपुर गांव
जहानाबाद : देश में मत्स्य पालन कारोबार का दायरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है. केंद्र से लेकर राज्य की सरकार मछली पालन करने वालों को प्रोत्साहित भी कर रही है, जिससे किसान खेती बाड़ी के साथ साथ मत्स्य पालन भी करे. बिहार में भी बड़े पैमाने पर मत्स्य पालन हो रहा है. बिहार सरकार की कई योजनाएं इन किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. व्यक्तिगत तौर पर तो मछली पालन करते आपने सुना ही होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जहां पूरा का पूरा गांव ही मछली पालन कर रहा है. जहानाबाद के सेवनन पंचायत स्थित भगवानपुर गांव में हर घर के लोग मछली पालन से जुड़े हुए हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है.
5 कट्ठा तालाब खुदवाकर शुरू किया था मछली पालन
25 घर वाले इस गांव के लोग मत्स्य पालन से 2016 से जुड़े हैं. यहां की आबादी करीब 250 है. दरअसल, इस गांव में सबसे पहले अजय कुमार ने 5 कट्ठा तालाब खुदवाकर मछली पालन शुरू किया था. उन्हें जब सफलता मिली तो इस व्यापार को खुद तो बढ़ाया, साथ ही अन्य लोगों को प्रेरित करने का काम किया. लोकल 18 से बात करते हुए भगवानपुर के पूर्व उप मुखिया अजय कुमार सिंह बताते हैं कि 2016 में मत्स्य पालन करना शुरू किया. 5 कट्ठा का एक छोटा तालाब से शुरुआत की थी. 8 साल हो चुके हैं और अब पूरा गांव मछली पालन से जुड़ा है. यह सीख बगल के गांव के किसान से देखकर ली थी और अपना व्यवसाय शुरू किया था.
वे बताते हैं कि मत्स्य पालन से अच्छी कमाई हो रही है. हमारे यहां के लोगों को भी अच्छा मुनाफा हो रहा है. पहले खेती करते थे तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. आज खुद का मछली पालन के साथ इसका जीरा और फीडिंग का कारोबार कर रहे हैं. गांव के लोगों को हमारे यहां से ही सब कुछ आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इससे उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. हमारे गांव के लोगों को जो इस व्यवसाय से जुड़े हैं, उन्हें सरकारी मदद भी मिल रही है. इस गांव को विभाग से काफी सपोर्ट है.
2016 में यहां हुई थी मछली पालन की शुरुआत
वहीं, एक और स्थानीय संजय सिंह बताते हैं कि हमारे गांव में 2016 से मछली पालन की शुरुआत हुई थी. उस दौरान जब इस व्यवसाय से जो जुड़े और उन्हें आमदनी अच्छा हुआ तो हमलोग ने भी इससे जुड़ने का मन बना लिया. आज गांव के हर घर के लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. कोई 10 कट्ठा तो कोई 15 कट्ठा यानी कुल मिलाकर पूरे गांव में करीब 15 एकड़ में मछली पालन हो रहा है. पहले यहां सिर्फ परंपरागत खेती होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन समय के साथ बदलती सोच से लोग आज अच्छी कमाई कर रहे हैं.
इस वजह से पूरा गांव करने लगा मछली पालन
एसएससी सीजीएल की तैयारी कर रहे 22 साल के युवा विवेक कुमार ने अपने गांव में हो रहे बड़े पैमाने पर मत्स्य पालन के बारे में बताया कि पहले गांव के जो भी लोग कोई व्यवसाय से जुड़ते थे तो उसमें अधिक मुनाफा नहीं होता था. हालांकि, मत्स्य पालन के साथ जुड़ने पर लोगों को अच्छा मुनाफा हुआ. मेहनत भी इसमें कम ही करना पड़ता है. खास बात यह है कि मछली पालन से संबंधित तमाम तरह की चीजें गांव में ही उपलब्ध है, जिसके चलते सारे लोग इससे जुड़ते चले गए. शुरुआत में लोगों ने छोटा छोटा तालाब खुदवाया था. आज तालाब का दायरा बढ़ा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 20:43 IST