जैसलमेर में डांडिया नृत्य करती महिलाएं
कुलदीप छंगाणी/ जैसलमेर: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है, जिसमें नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. हालांकि, डांडिया और गरबा नृत्य के रूप में उत्सव मनाने की परंपरा मूल रूप से गुजरात की संस्कृति का हिस्सा रही है, लेकिन पिछले दो दशकों में यह चलन राजस्थान के जैसलमेर सहित कई हिस्सों में भी तेजी से लोकप्रिय हुआ है. अब जैसलमेर के विभिन्न गली-मोहल्लों में घट स्थापना और डांडिया नृत्य का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है.
जैसलमेर में नवरात्रि उत्सव का विस्तार
जैसलमेर में नवरात्रि उत्सव की शुरुआत का इतिहास लगभग दो दशक पुराना है. पहले कुछ गिने-चुने स्थानों पर देवी स्थापना और रात में गरबा एवं डांडिया नृत्य किया जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में यह आयोजन जिले भर में तेजी से बढ़ा है. इस साल, जैसलमेर जिले में नवरात्रि के दौरान सबसे ज्यादा घट स्थापना और डांडिया कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. शहर के गोड़ा पाड़ा, दरजी पाड़ा, गांधी कॉलोनी, शारदा पाड़ा जैसे कुल आठ स्थानों पर नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है, जबकि जिले के पोकरण तहसील में विभिन्न स्थानों पर कुल 15 जगहों पर मां दुर्गा की स्थापना के साथ गरबा और डांडिया के कार्यक्रम हो रहे हैं.
गुजरात की झलक और सांस्कृतिक प्रसार
इन कार्यक्रमों में गुजरात की संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है. लोग गुजराती परिधान पहनते हैं और गुजराती संगीत पर थिरकते नजर आते हैं. जैसलमेर के निवासी सत्यनारायण पुरोहित, जो 60 वर्ष के हैं, का मानना है कि “एक राज्य की संस्कृति का दूसरे राज्य में विस्तार एक सकारात्मक कदम है. वह इसके पीछे जैसलमेर के गुजरात से व्यापारिक संबंध को मुख्य कारण मानते हैं. उनका कहना है कि जब जैसलमेर के लोग व्यापारिक कारणों से गुजरात गए, तो वहां के खान-पान और त्योहारों को भी अपने साथ लेकर आए, जिससे यह संस्कृति धीरे-धीरे जैसलमेर में भी लोकप्रिय हो गई.
उत्सव और मनोरंजन की खोज
सत्यनारायण पुरोहित यह भी मानते हैं कि लोग जीवन की बोरियत से बाहर निकलने के लिए उत्सव का बहाना ढूंढते हैं और नवरात्रि में डांडिया और गरबा नृत्य का आयोजन इसी का हिस्सा है. इसके अलावा, टीवी धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा, इंस्टाग्राम रील्स और सोशल मीडिया के प्रभाव को भी इस उत्सव के विस्तार का एक महत्वपूर्ण कारण माना जा सकता है.
सांस्कृतिक और सामाजिक विकास
27 वर्षीय महेंद्र सिंह का मानना है कि जैसलमेर में इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विस्तार सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से शहर के विकास के लिए सकारात्मक संकेत है. जैसलमेर में नवरात्रि उत्सव का यह विस्तार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सांस्कृतिक विविधता और समाज में एकता का संदेश भी देता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 20:19 IST