Last Updated:January 21, 2025, 02:45 IST
Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ में संतों और साधुओं का जमावड़ा लगा है. कई तो ऐसे हैं, जिन्होंने सुख-सुविधा की दुनिया छोड़कर संन्यासी जीवन को अपना लिया. इसी में एक नाम है एमटेक बाबा का.
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में आस्था की डूबकी लगाने के लिए देशभर से साधु संत जुटे हैं. यहां पर विविधता से भरे साधु-संतों से आम श्रद्धालु रू-ब-रू हो रहे हैं. इनमें कुछ बाबा ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हैं. हाल ही में आईआईटी बाबा वायरल हुए थे. अब इस कड़ी में एक और बाबा सामने आए हैं. इन्हें एमटेक बाबा बुलाते हैं.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एमटेक बाबा ने अपने जीवन से जुड़ी कुछ बातों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि 2010 में संन्यास लिया, 2019 में नागा बना. हरिद्वार में 10 दिन तक भीख मांगी. कभी लाखों रुपये महीना भी कमाते थे. 400 लोगों को सैलरी बांटते थे.
एमटेक बाबा के जीवन पर गौर करें तो उनका जन्म दक्षिण भारत में तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ. उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की. इसके बाद कई नामी कंपनियों में काम किया. आखिरी नौकरी उन्होंने दिल्ली में की थी जहां वह एक निजी कंपनी में एक अच्छे पद पर थे. उनके अंदर करीब 400 से अधिक लोग काम करते थे.
दिगंबर कृष्ण गिरि ने बताया कि सभी अखाड़ों को मेल करके मैंने उनसे जुड़ने की इच्छा जताई थी. लेकिन किसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया. हरिद्वार गया तो वहां पर मेरा पास जो कुछ भी था उसे हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दिया. साधु का वेश धारण कर दस दिनों तक भीख मांगी. मेरा मानना था कि ज्यादा पैसा होने से आदतें खराब हो जाती हैं और दिमाग को शांति नहीं मिल पाती.
निरंजन अखाड़ा को लेकर मैंने गूगल किया था. निरंजन अखाड़ा जाकर मैंने महंत श्री राम रतन गिरी महाराज से दीक्षा दी. साल 2019 में आग लगने के कारण से 2021 में मैंने अल्मोड़ा छोड़ दिया. अभी उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहता हूं. ये इकलौते ऐसे नहीं हैं. इनसे कुछ ही दिन पहले आईआईटी मुंबई वाले बाबा ने काफी सुर्खियां बटोरीं थीं.
Location :
Allahabad,Uttar Pradesh
First Published :
January 21, 2025, 02:45 IST
जो कभी 400 लोगों को देते थे सैलरी, अचानक मांगने लगे भीख... कुंभ के MTech बाबा