बच्चे मन में कितने भोले होते हैं, ये तो हम सब जानते हैं, मगर कुछ लोग बच्चों को भी प्रताड़ित करने से बाज नहीं आते. ऐसे लोगों की वजह से कोई बच्चा जिंदगी भर के लिए अपने मन में ऐसा दुख लेकर जिंदगी जीता है, जिससे वो उबर नहीं पाता. चीन के एक 13 साल के बच्चे के साथ भी ऐसा ही हुआ. वो एक समर कैंप में गया था, जहां टीचर (Teacher unit pupil bash 1000 squats) ने उसे ऐसी सजा दी, कि उसके बाद वो अपने पैरों पर खड़े होने के लायक नहीं रह गया. उस बच्चे की पूरी लाइफ खराब हो गई.
ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ये मामला चीन के शैनडॉन्ग (Shandong, China) प्रांत का है. लू नाम की एक महिला ने अपने बच्चे (Kid look disablement aft 1000 squats) के बारे में काफी चौंकाने वाली बात बताई है. हुआ यूं कि जब उसका बच्चा पिछले साल 13 साल का था, तब गर्मियों के दिनों में उसे 7 दिनों के लिए एक कैंप में भेजा गया था. इस समर कैंप में उसने बहुत मस्ती की, दोस्त बनाए, एक्सरसाइज की, खेलकूद किया, मगर कैंप के आखिरी दिन बच्चे के साथ एक हैरान करने वाली घटना घटी. ग्रैजुएशन के वक्त माता-पिता को बच्चे की तस्वीरें भेजी गईं, जिसमें बच्चे की आंखें लाल लग रही थीं और वो दुखी नजर आ रहा था.
बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद उसका इलाज चला.
टीचर ने दी सजा
बच्चे का एक पैर मुड़ा हुआ दिख रहा था. तब पिता ने कैंप के ऑर्गनाइजर्स से पूछा तो उन्होंने कहा कि कोई गलतफहमी है. इसके बाद जब माता-पिता बच्चे को ग्रैजुएशन के बाद लेने गए, तब बच्चे ने सब कुछ बताया. हुआ यूं कि ग्रैजुएशन से ठीक पहले वो किसी बच्चे से बात कर रहा था. टीचर ने ये देख लिया और सजा के तौर पर उसे 1000 उठक-बैठक (Squats) करने को कहा. 200 स्कैट्स कर के बच्चा गिर पड़ा तो टीचर ने उसे लात मारी और मैदान से बाहर ले जाकर बिठा दिया गया. बच्चा पैर में दर्द की शिकायत कर रहा था, तो उसे फौरन वहां से अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने उसे मसल पेन की दवा और मरहम दे दिया.
बच्चे को हुई बड़ी समस्या
पर कुछ दिनों बाद भी उसके दर्द में कोई आराम नहीं मिला. इसके बाद माता-पिता उसे बड़े अस्पताल दिखाने लगे गए. वहां पर जब डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि उसे रैब्डमायोलिसिस की समस्या हो गई है. ये समस्या तब होती है जब कोई कम वक्त में बहुत ज्यादा एक्सरसाइज कर ले. इससे इंसान की स्केलिटल मसल्स नष्ट हो जाती हैं और किडनी-लिवर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. इस कंडीशन की वजह से इंसान की जान भी जा सकती है. ज्यादा उठक-बैठक करने की वजह से बच्चे की कंडीशन ऐसी हुई थी. 13 दिन ट्रीटमेंट के बाद बच्चे को डिस्चार्ज किया गया. पर वो पूरी तरह रिकवर नहीं हो पाया. वो 14 साल का हो चुका है, मगर आज भी वो अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है और ये पर्मानेंट डैमेज है. अब वो कभी ठीक से पैरों पर न खड़ा हो पाएगा, न चल पाएगा. माता-पिता ने कैंप ऑर्गनाइजर्स पर केस कर दिया है और ये मामला कोर्ट में है.
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FIRST PUBLISHED :
October 5, 2024, 07:01 IST