रबी के सीजन में मक्के की बुवाई
रायबरेली. अक्टूबर का महीना लगभग खत्म होने को है. यूपी के कई जिलों में धान की कटाई कहीं खत्म हो गई है तो कई जिलों में जारी है. धान की कटाई के साथ ही रबी सीजन की शुरुआत हो जाती है. रबी सीजन में गेहूं की फसल मुख्य फसल मानी जाती है. लेकिन इस सीजन में किसान कई अन्य फसलों जैसे चना, सरसों, मटर, मक्का की भी खेती करते हैं. वैसे तो खरीफ और जायद सीजन में किसान बड़े पैमाने पर मक्का की खेती करते हैं. लेकिन, अब कृषि वैज्ञानिक रबी सीजन में भी किसानों को मक्के की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसे मुनाफे की गांरटी बताया जा रहा है.
गौरतलब है कि बढ़ते पशुपालन और एथनाल उत्पादन की वजह से मक्के की मांग में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है. मक्के का आटा, कॉर्नफ्लेक्स, पॉपकॉर्न, बेबीकॉर्न औरस्वीटकॉर्न जैसी चीजें आज हर दूसरे घर में इस्तेमाल हो रही हैं. वहीं दूसरी तरफ कुक्कट पालन व एथनाल उत्पादन सहित विविध क्षेत्रों में मक्का का इस्तेमाल होने से न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मक्का की मांग तेजी से बढ़ रही है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खरीफ और रबी सीजन में मक्का की खेती की जाए तो गेहूं और चना की तुलना में किसान बेहतर मुनाफा कमा सकते है.तो आइए कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं कि रवि सीजन में किसान मक्के की कौन सी किस्म कि बुवाई कर सकते हैं.
प्रति एकड़ 40 हजार के बचत
रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा (बीएससी एजी डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद) बताते हैं कि मक्का मिलेट्स श्रेणी का अनाज है. इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. मक्का, धान-गेहूं की की अपेक्षा अधिक मुनाफे वाली फसल मानी जाती है. अगर किसान रबी सीजन में गेहूं की जगह मक्का की खेती करते हैं, तो किसान 40 हजार रुपए प्रति एकड़ की बचत कर सकते हैं. जबकि गेहूं के प्रति एकड़ 18 से 20 हजार रुपए की बचत होती है. जहां गेहूं 2,425 रुपए प्रति क्विंटल है. वहीं मक्का का भाव 2,225 रुपए है.
4 से 42 डिग्री में खेती संभव
लोकल 18 से बात करते हुए शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि रबी के सीजन में मक्का की खेती करने वाले किसान मक्के की खास प्रजाति एच.क्यू. पी. एम.-28 की खेती करें. यह बेहद कम समय में तैयार होकर अच्छा उत्पादन देती है. मक्के की यह किस्म बुवाई के मात्र 60 से 70 दिन में ही कटाई के लिए तैयार हो जाती है. साथ ही इसकी पैदावार औसतन 141 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. जो मक्के की अन्य किस्मों से अलग है. किसानों को संदेह होता है कि ठंड में मक्का की खेती नहीं हो सकती. लेकिन मक्का एक ऐसी फसल है जिसकी खेती 4-42 डिग्री तापमान में संभव है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 13:49 IST