दिल्ली में जहरीली हवा की बढ़ती मार को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के सारे स्कूल बंद करके ऑनलाइन क्लासेज चलाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू करने में देरी को लेकर दिल्ली सरकार से सख्त नाराजगी जताई है. कोर्ट ने इसके साथ सरकार ने वायु प्रदूषण के स्तर (AQI) में सुधार के लिए आतिशी सरकार से जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के इस सख्त लहजे के बाद सवाल उठने लगा कि क्या दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर से वर्क फ्रॉम होम और ऑड-इवन जैसे नियम लागू करेगी. आतिशी सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल सोमवार शाम 4 बजे जब प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए तो सभी के मन में यही सवाल थे.
गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पूरा उत्तर भारत आज गंभीर प्रदूषण की चपेट में आ चुका है. बुजुर्गो को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. बच्चों के स्कूल बंद करने पड़ रहे हैं. लोगों को इसकी वजह से जिंदगी पर नकारात्मक असर झेलना पड़ रहा है. आज उत्तर भारत के अंदर बहादुरगढ़ में AQI 477, भिवानी में 468, चुरू में 472, गुरुग्राम में 448 रिकॉर्ड किया गया.
गोपाल राय ने केंद्र पर मढ़ा दोष
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने इसके साथ ही कहा, ‘पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का असर मारक होता जा रहा है. हमें दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ऐसे बुरे हालात में केंद्र सरकार सो रही है. जब देश का आधा हिस्सा प्रदूषण की चपेट में है. ऐसे केंद्र को सभी सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री का सो जाना खतरनाक है.’ उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ BS-4 गाड़ियां चलाई जा रही हैं. केंद्र ने अगर सही कार्ययोजना बनाई होती तो दिल्ली और देश के लोगों को ऐसी हालत नहीं देखनी पड़ती.
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ऑड-ईवन और वर्क फ्रॉम होम को लेकर क्या बोले गोपाल राय
गोपाल राय ने कहा, ‘दिल्ली में ग्रैप-4 लागू हुआ है. हमने अधिकारियों के साथ बैठक करके निर्देश दिए हैं कि इसे सख्ती से लागू किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मेरी मांग है तुरंत केंद्र सरकार बैठक करे और पूरे उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाया जाए.’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम को लेकर सवाल किया गया तो गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़कर फैसला लेंगे. वहीं ऑड इवन लागू करने को लेकर उन्होंने कहा, ‘हम अभी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जो भी जरूरी कदम होगा उठाएंगे.’
क्या कृत्रिम वर्षा प्रदूषण का हल है?
इस सवाल पर गोपाल राय ने कहा, ‘एक्सपर्ट का कहना है कि यह सोल्यूशन नहीं है. आप सवाल पूछ रहे हैं तो बता दें कि ये हमने करना है और परमिशन केंद्र सरकार को देनी है. लेकिन फैसला तब लिया जाएगा, जब मीटिंग होगी. IIT कानपुर के वैज्ञानिक बताएंगे कि कैसे होगी, खर्चे का हम बताएंगे, लेकिन ढाई महीने से बता ही नहीं रहे हैं.’
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 16:41 IST