Last Updated:January 22, 2025, 23:29 IST
NEET UG 2025 : नीट यूजी परीक्षा में पिछले साल 13 लाख स्टूडेंट्स पास हुए थे. लेकिन 10 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के पास सिर्फ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में ही एडमिशन लेने का विकल्प था. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटें ...और पढ़ें
NEET UG 2025 : नीट यूजी 2025 को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने गाइडलाइन जारी कर दी है. लेकिन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने की डेट घोषित होने का इंतजार अभी भी है. भारत में एमबीबीएस की कम फीस और बेहतर पढ़ाई के लिए सरकारी कॉलेजों में एडमिशन पाना अलग लेवल की उपलब्धि मानी जाती है. मेडिकल की पढ़ाई करने का सपना साकार करने में जुटे स्टूडेंट्स का फोकस सरकारी कॉलेजों की सीटों पर होता है.
नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुसार, देश में कुल 799 मेडिकल कॉलेज हैं. जिसमें एमबीबीएस की 1 लाख 8 हजार से अधिक सीटें हैं. लेकिन देश में सिर्फ 386 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. जिसमें एमबीबीएस की 55880 सीटें हैं. जबकि हर साल 11-12 लाख से ऊपर स्टूडेंट्स नीट यूजी क्वॉलिफाई करते हैं. पिछले साल ही 13 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी पास किया था.
सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए नीट यूजी में कितने मार्क्स चाहिए?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के लिए जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स को नीट यूजी 2025 में कम से कम 650+ अंक लाने होंगे. रिजर्व कैटेगरी के स्टूडेंट्स को भी 600 से कम अंक में सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलना मुश्किल है. अगर देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन चाहिए तो 700 से अधिक अंक की जरूरत होगी. इस हिसाब से नीट यूजी पास करने वाले 10 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के पास प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का ही विकल्प है.
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की फीस
देश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस करीब 6 हजार रुपये से 40-50 हजार रुपये सालाना है. एमबीबीएस की सबसे कम फीस एम्स दिल्ली में है. देश के 10 एम्स में एमबीबीएस की करीब 2040 सीटें हैं. जिसमें से एम्स दिल्ली में 125 सीटें हैं. जबकि राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 45 हजार से अधिक सीटें हैं. शेष सीटें आटोनॉमस कॉलेजों में हैं.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 22, 2025, 23:26 IST