नई दिल्ली. देश में बड़े निवेशकों की बात की जाए तो आम लोगों के दिमाग में राधाकिशन दमानी, राकेश झुनझुनवाला या विजय केडिया जैसे लोगों ने नाम आएंगे. यह सही भी है कि दमानी और झुनझुनवाला बड़े इंडिविजुअल इन्वेस्टर हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का बड़ा इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर कौन है? बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि देश का राष्ट्रपति सबसे बड़ा इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर होता है.
देश व केंद्र सरकार के सभी एसेट्स को राष्ट्रपति कार्याल द्वारा होल्ड किया जाता है. राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो में अभी 75 स्टॉक्स हैं. इनमें से अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं जिनमें सरकार मेजोरिटी स्टेकहोल्डर है. राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू 43.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
सबसे बड़ी होल्डिंग
राष्ट्रपति की इन 10 कंपनियों में हिस्सेदारी की वैल्यू सबसे ज्यादा है.
1. लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया- 592753.33 करोड़ रुपये.
2. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया- 404680 करोड़ रुपये.
3.ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन- 218746 करोड़ रुपये.
4. एनटीपीसी लिमिटेड- 213302 करोड़ रुपये.
5. हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स- 203937 करोड़ रुपये.
6. कोल इंडिया लिमिटेड- 193447 करोड़ रुपये.
7. इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन- 171632 करोड़ रुपये.
8. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन- 161796 करोड़ रुपये.
9. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन- 122645 करोड़ रुपये.
10. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स- 103615 करोड़ रुपये.
सेक्टर के आधार पर एसेट का बंटवारा
राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो में सबसे बड़ा हिस्सा करीब 15 फीसदी, पब्लिक सेक्टर के बैंकों में निवेशित है. इसके पावर और फर्टिलाइजर में क्रमश: 6 और 5 फीसदी व इंफ्रा सेक्टर में 4 फीसदी निवेश है.
(नोट: यह जानकारी मनीकंट्रोल और फिनोलॉजी पर मौजूद डाटा पर आधारित है.)
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FIRST PUBLISHED :
October 4, 2024, 20:10 IST