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Dehradun News: पट्टचित्र कला के उस्ताद हैं यह शख्स, कमाल की करते हैं कलाकारी, चित्रों की लाखों में है कीमत
भारत की सबसे पुरानी कला पट्टचित्र पर देवी प्रसाद पिछले सालों से काम कर रहें हैं
Dehradun News: देवी प्रसाद ने बताया कि पट्टचित्रों में पौराणिक कथाओं का संसार देखने के लिए मिलता है. कृष्ण कथा से लेकर ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttarakhand
- Last Updated : October 4, 2024, 16:37 IST
देहरादून. भारत की परंपरागत चित्रकलाओं में से एक पट्टचित्र कला है, जो विलुप्त के कगार पर है, क्योंकि इसे बनाना बहुत मुश्किल है और हर कोई इसे बना नहीं पाता है. जिस इंसान को पौराणिक कथाओं का ज्ञान होता है, वही इन्हें तैयार कर सकता है. देवी प्रसाद ऐसे पट्टचित्र बना देते हैं जिनसे देवी देवताओं की कथाएं दर्शायी जाती हैं. उन्होंने रामचरितमानस का पट्टचित्र बनाया है. जिसकी कीमत लाखों में है.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित होने वाले स्रोत महोत्सव में पहुँचे ओडिशा के पट्टचित्र कलाकार देवी प्रसाद ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा है कि इंडियन आर्ट में पट्टचित्र सबसे पुरानी आर्ट है. भारतीय परंपरागत कला को तीन तरह से बनाया जाता है. एक पत्ते पर चित्र बनाए जाते हैं, दूसरा रेशम के कपड़े पर चित्र तैयार किए जाते हैं और तीसरा पत्थरों पर बनाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरीके से पत्थरों पर नक्काशी की जाती है उसी तरह से लोहे की कील से इन चित्रों को उकेरा जाता है. इसकी खास बात यह होती है कि इन्हें मिटाया नहीं जा सकता है. इसलिए इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि उन्हें उड़ीसा के राज्यपाल से इसके लिए सम्मान मिला है. भारत की परंपरागत कलाओं में से एक पट्टचित्र बहुत मुश्किल है जिसे बारीकी से आना जरूरी है. आज की जेनरेशन इतनी मेहनत नहीं करना चाहती है और न ही बारीकी से इस तरह का काम करना चाहती है यही वजह है कि यह कला विलुप्त होती जा रही है. इसमें पौराणिक कथाओं का ज्ञान होना बहुत जरूरी है इसी के साथ ही उसे वक्त का स्टाइल, वस्त्र, आभूषणों की बारीकी से जानकारी होनी चाहिए.
पट्टचित्रों में पौराणिक कथाओं का संसार
देवी प्रसाद ने बताया कि पट्टचित्रों में पौराणिक कथाओं का संसार देखने के लिए मिलता है. कृष्ण कथा से लेकर रामचरित मानस जैसी पौराणिक कथाओं को इसमें बखूबी दर्शाया जाता है. इसमें देवी- देवताओं के चित्रों से कथाओं को दर्शाया जाता है. इसे सीखने के लिए 11 से 12 सालों की मेहनत लगती है. देवी प्रसाद 2008 से इस कला पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक पेंटिंग को तैयार करने में कई महीनो का वक्त लग जाता है, इसलिए इनकी कीमत लाखों में जाती है. रामचरित मानस की पट्टचित्र की कीमत 1 लाख 60 हजार रुपये है.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED :
October 4, 2024, 16:37 IST