बागेश्वर: सर्दियों का सीजन शुरू होते ही पर्वतीय क्षेत्रों में हिंसक जानवर आबादी की ओर बढ़ने लगते हैं. जिससे ग्रामीण और नगरी दोनों क्षेत्रों में तेंदुए का आतंक बना रहता है. पिछले वर्षों में तेंदुए के हमलों को देखते हुए अब वन विभाग अलर्ट मोड़ में आ गया है. आंकड़ों के मुताबिक अब वन विभाग इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष को कम करना चाहता है. इसके लिए गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चला रहा है.
लोकल 18 से बातचीत करते हुए वन विभाग के रेंजर श्याम सिंह करायत बताते हैं कि लोगों और पालतू जानवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तेंदुए की निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा संवेदनशील स्थानों पर विभागीय कर्मचारियों की गश्त बढ़ाई जा रही है. जरूरत पड़ने पर उन क्षेत्रों में पिंजड़ा भी लगाया जाएगा. इसके साथ ही स्थानीय आम जनमानस को गांव-गांव जाकर उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना का अंदेशा होने पर सबसे पहले वन विभाग को सूचना देने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.
वन विभाग का सुझाव
श्याम सिंह करायत बताते हैं कि पिछले सालों के आंकड़ों को देखते हुए वन विभाग के कर्मचारी इस वर्ष गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को घर के आसपास झाड़ियों का कटान करने, शाम को ग्रुप में बाहर निकालने, मकानों के आसपास रोशनी का उचित प्रबंध करने, तेंदुए या किसी अन्य जंगली जानवर के दिखने पर तत्काल वन कर्मियों को सूचित करने के लिए प्रेरित कर रहा है.
12 लोगों की हो चुकी है मौत
बीते सप्ताह बागेश्वर में एक दिल को दहला देने वाली घटना सामने आई थी. जिसमें तेंदुए के हमले से एक 3 साल की मासूम बच्ची की जान चली गई थी. इसके बाद बागेश्वर के डीएम आशीष भटगांई के निर्देशन में जागरूकता अभियान को तेज किया गया है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 12 लोगों ने हमले में जान गंवाई है और 47 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इन घटनाओं में अधिकतर तेंदुए का हमला प्रभावी रहा है. हालांकि कुछ घटनाओं में भालू और जंगली सूअर भी शामिल हैं.इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष में किसी भी व्यक्ति की मौत होने पर सरकर द्वारा 6 लाख का मुआवजा दिया जाता है.
Tags: Bageshwar News, Local18, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 21:58 IST