पाकिस्‍तानी आतंकियों की घाटी में दहशत पैदा करने की कोशिश : जम्‍मू-कश्‍मीर आतंकी हमले पर सेना

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नई दिल्ली :

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) के बारामूला में गुरुवार को आतंकी हमले में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और दो पोर्टर भी मारे गए थे. सेना का कहना है कि यह सबूत है कि पाकिस्‍तानी आतंकी (Pakistani Terrorists) घाटी में दहशत पैदा करने के लिए स्‍थानीय कश्‍मीरी लोगों को जानबूझकर निशाना बना रहे हैं. भारतीय सेना की चिनार कोर ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि बहादुर सैनिकों ने "कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के शत्रुतापूर्ण एजेंडे" का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की. आतंकियों ने बारामूला के बुटापथरी इलाके में जवानों के वाहन पर हमला किया था.  

सेना के वाहन को गुरुवार को निशाना बनाया गया, जिसमें कश्मीर के अनंतनाग के राइफलमैन कैसर अहमद शाह और हरियाणा के सिरसा के सैनिक राइफलमैन जीवन सिंह शहीद हो गए. बयान में कहा गया है कि दोनों सैनिकों के साथ अन्‍य सैनिकों की प्रतिक्रिया ने आतंकियों को हथियार छोड़कर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया. 

गोली लगने के बावजूद की जवाबी कार्रवाई 

चिनार कोर ने कहा, "भारतीय सेना राइफलमैन कैसर अहमद शाह और राइफलमैन जीवन सिंह की बहादुरी को सेल्‍यूट करती है, जिन्होंने गोली लगने के बावजूद जवाब दिया और इस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने से पहले आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया." 

साथ ही कहा, "इन बहादुर सैनिकों की कार्रवाई ने आतंकिया को और नुकसान पहुंचाने से रोका और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शत्रुतापूर्ण एजेंडे के मुकाबले के लिए अटूट साहस और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया. उनका निस्वार्थ कार्य देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के संकल्प का प्रमाण है." 

चिनार कोर ने हमले में जान गंवाने वाले कश्मीरी पोर्टर जहूर अहमद मीर और मुश्ताक अहमद चौधरी को भी सलाम किया. 

स्‍थानीय लोगों को निशाना बना रहे आतंकी : सेना 

उन्‍होंने बयान में कहा, "यह साफ है कि पाकिस्तानी आतंकवादी जानबूझकर और बिना किसी पछतावे के घाटी में भय और आतंक पैदा करने के लिए स्‍थानीय कश्‍मीरी लोगों को निशाना बना रहे हैं, जो शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रही है. इन आतंकवादियों की एकमात्र विचारधारा 'घाटी में आतंक का शासन' है. इन बहादुर कश्मीरियों और भारतीय सेना के जवानों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को आतंक के अपराधियों के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करेगा.''

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार को सुरंग निर्माण में जुटे निजी कंपनी के श्रमिकों के शिविर पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें छह निर्माण श्रमिक और एक डॉक्टर की मौत हो गई थी. गुरुवार सुबह पुलवामा के त्राल में उत्तर प्रदेश के एक मजदूर शुभम कुमार को भी गोली मार दी गई. 

नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी पाकिस्तान को आतंकी हमलों का स्रोत बताया था. जम्‍मू-कश्‍मीर में हाल ही में नेशनल कॉन्‍फ्रेंस की सरकार बनी है. 

अब्दुल्ला ने कहा, "हमारे कई साथी शहीद हो गए हैं... लेकिन यह हर साल जारी रहता है और आप इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जानते हैं. वे गलती से सोचते हैं कि इससे उन्हें कश्मीर को पाकिस्तान के साथ मिलाने में मदद मिलेगी."

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