फर्जी फोन कॉल्स से निपटने के लिए क्या कर रहा दूरसंचार विभाग? आगरा की शिक्षिका मामले में की कार्रवाई

2 hours ago 1

Digital Arrest Case: उत्तर प्रदेश के आगरा में डिजिटल अरेस्ट के मामले पर दूरसंचार विभाग भी हरकत में आया है. दरअसल, आगरा की एक सरकारी स्कूल की टीचर की साइबर ठगों की धमकी से मौत हो गई. साइबर ठगों ने महिला को वॉट्सऐप कॉल करके बेटी के सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की धमकी दी थी. उसे छोड़ने के लिए महिला को एक नंबर पर 15 मिनट के अंदर एक लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया था. बेटी के बारे में ऐसी खबर सुनते ही महिला को सदमा लग गया. हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई. 

With respect to the unfortunate incidental of a fraud telephone successful Agra, the WhatsApp relationship of the fraudulent mobile fig has been disengaged. The telephone was made via WhatsApp.

It is our earnest petition to citizens, successful lawsuit a message/call is suspected fraudulent, it should be…

— DoT India (@DoT_India) October 4, 2024

दूरसंचार विभाग (DoT India) की तरफ से इस पर ट्वीट कर कहा गया है कि आगरा में एक फ्रॉड कॉल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में, फ्रॉड मोबाइल नंबर का व्हाट्सएप अकाउंट बंद कर दिया गया है. कॉल व्हाट्सएप के जरिए की गई थी.नागरिकों से हमारा विनम्र अनुरोध है कि यदि किसी संदेश/कॉल में धोखाधड़ी का संदेह हो, तो इसकी सूचना पोर्टल http://sancharsaath.gov.in पर दी जानी चाहिए. ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण मामलों की सूचना cybercrime.gov.in के माध्यम से भी दर्ज कराई जानी चाहिए.

लगातार हो रहीं घटनाएं

हाल के दिनों में नागरिकों को धोखाधड़ी वाले कई कॉल प्राप्त हो रहे हैं, जो अक्सर भारतीय मोबाइल नंबरों के रूप में दिखाई देते हैं. वास्तव में ये कॉल विदेश से संचालित साइबर अपराधियों द्वारा हेराफेरी से किए जाते हैं. ये अपराधी कॉल की वास्तविक उत्पत्ति को छिपाने के लिए कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) का फायदा उठाते हैं, जिसके कारण मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट होने, फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी की धमकियों समेत तमाम घटनाएं घट‍ित होती हैं.

क्या कर रहा डीओटी

बढ़ते खतरे के मद्देनजर दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के साथ मिलकर एक उन्नत प्रणाली शुरू की है, जो भारतीय दूरसंचार ग्राहकों तक पहुंचने से पहले आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए डिजाइन की गई है. इस प्रणाली को दो चरणों में लागू किया जा रहा है. पहला, अपने स्वयं के ग्राहकों के फोन नंबरों से नकली कॉल को रोकने के लिए टीएसपी स्तर पर और दूसरा अन्य टीएसपी से ग्राहकों के नंबरों से नकली कॉल को रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर.

अब तक, सभी चार टीएसपी ने इस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है. कुल 4.5 मिलियन स्पूफ कॉल में से लगभग एक तिहाई को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में आने से रोका जा रहा है. अगले चरण में एक केंद्रीकृत प्रणाली को शामिल किया जाएगा, जो सभी टीएसपी में शेष स्पूफ कॉल को समाप्त कर देगी. इसके जल्द ही चालू होने की उम्मीद है.

हालांकि, जनता को धोखा देने के लिए धोखेबाज नए-नए तरीके अपनाते और बनाते रहते हैं. दूरसंचार विभाग इन नए तरीकों की रिपोर्ट होने पर दूरसंचार उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए समय रहते कदम उठा रहा है. तेजी से विकसित हो रही तकनीक के इस दौर में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.

हालांकि, इन मजबूत सुरक्षा उपायों के बावजूद अभी भी ऐसे मामले हो सकते हैं, जहां धोखेबाज दूसरे तरीकों से सफल हो जाते हैं. ऐसे मामलों में दूरसंचार विभाग नागरिकों को संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि दूरसंचार विभाग को साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग की पहचान करने और रोकथाम में मदद मिल सके. इससे नागरिकों को छद्म पहचान, शोषण से बचाने और संभावित खतरों के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करने में भी मदद मिलेगी.

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article