पटना. बिहार में जमीन से जुड़ा अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की कई खबरें सामने आती रहती हैं. लेकिन, बिहार की राजधानी पटना से जो मामला सामने आया है वह थोड़ा हैरान करने वाला है. इस बार भ्रष्टाचार के आरोप एक महिला अधिकारी पर लगे हैं. दरअसल पटना सदर तत्कालीन डीसीएलआर मैत्री सिंह भ्रष्टाचार के मामले में फंसती नजर आ रही हैं. पटना जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर ने भूमि सुधार उपसमाहर्ता सुश्री मैत्री सिंह पर कार्रवाई की अनुशंसा की कार्रवाई की.
जानकारी के अनुसार 22 अक्टूबर को उनका ट्रांसफर हो जाने के बाद भी उन्होंने दाखिल खारिज के 255 फाइलों का निपटारा बैकडेट में कर दिया. वहीं कई फाइल डीसीएलआर ऑफिस से गायब है. बताया जाता है कि वह अपने साथ सभी फाइलों को ले गयी हैं. वहीं ट्रांसफर के बाद भी वह अपने साथ सरकारी दस्तावेज लेकर गई थी. हालांकि शिकायत आने पर उनके लिए काम करने वाले किसी अज्ञात व्यक्ति ने 14 और 15 नवंबर को कुछ फाइलों को दफ्तर में लौटाया.
8 महीने ही हुआ बड़ा खेल!
वहीं इस पूरे मामले में डीएम के निर्देश पर सदर एसडीएम ने जांच की तो पता चला कि 451 दस्तावेज अभी गायब हैं. इसके बाद डीएम चंद्रशेखर सिंह ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव से तत्कालीन पटना सदर डीसीएलआर पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. बताया जाता है कि मैथिली सिंह 8 महीने पहले ही नौकरी ज्वाइन की थी. फिलहाल वह विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं. लेकिन, इस बीच उनके ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं.
जनता दरबार में मिल रही थी शिकायत
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह के अनुसार हाल ही में हुए डीएम के जनता दरबार में कई लोगों ने शिकायत की थी कि दाखिल खारिज करने के लिए पूर्व डीसीएलआर (DCLR) मैत्री सिंह के दलाल दबाव बना रहे हैं पैसे लेकर दाखिल खारिज बैक डेट में करने का आश्वासन दिया जा रहा है. हम लोगों की भूमि से संबंधित कागजात पूर्व डीसीएलआर के पास है. यदि हस्तक्षेप नहीं किया गया तो दाखिल खारिज के आवेदन रद्द हो जाएंगे. शिकायत मिलने के बाद उन्होंने पटना सदर एसडीएम को जांच का आदेश दिया.
कंप्यूटर-प्रिंटर भी गायब!
जांच के दौरान पता चला कि डीसीएलआर ऑफिस से 700 पहले गायब हैं खोजबीन शुरू हुई तो डीसीएलआर ने 255 फाइल 14 और 15 नवंबर को कार्यालय लौटा दिया. छानबीन में पता चला कि दाखिल खारिज के 451 और भूमि विवाद से संबंधित 36 फाइलें अभी गायब है. अधिकारियों को आशंका है कि सभी फाइल पूर्व डीसीएलआर के पास है. इन फाइलों में भी बैक डेट में आदेश पारित करने की आशंका है. दफ्तर से कंप्यूटर प्रिंटर भी गायब बताए जा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 17:09 IST