बिलासपुर: जिले में 25 अक्टूबर यानी आज से 21वीं पशुधन गणना का आयोजन किया जा रहा है. हर पांच साल में होने वाली इस गणना का उद्देश्य जिले में पशुधन की संख्या और स्थिति का आकलन करना है. इस बार गणना में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जहां प्रगणक मोबाइल ऐप के माध्यम से आंकड़े संकलित करेंगे. यह सर्वे जिले के सभी ग्रामों और वार्डों में किया जाएगा, जिससे केंद्र और राज्य के नीति-निर्माताओं को सटीक आंकड़े उपलब्ध हो सकें. ये आंकड़े किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों, और डेयरी उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे.
पशुधन गणना की तैयारियां पूरी, 182 प्रगणक तैनात
संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, डॉ. जी.एस.एस. तंवर की देखरेख में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गणना के लिए जिले में 182 प्रगणक और 35 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. सभी प्रगणकों की आईडी तैयार की जा चुकी हैं और उन्हें गणना हेतु आवश्यक तकनीकी जानकारी भी दी गई है. जिला नोडल अधिकारी डॉ. विरेन्द्र पिल्ले ने विभागीय अधिकारियों को मोबाइल ऐप के सही इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया है.
नागरिकों और पशुपालकों से सहयोग की अपील
डॉ. तंवर ने जिले के सभी पशुपालकों और नागरिकों से अपील की है कि वे इस राष्ट्रीय महत्व के कार्य में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि जब प्रगणक आपके पशु या पक्षियों की जानकारी लेने आएं, तो उन्हें सही और पूरी जानकारी दें ताकि गणना में सटीकता बनी रहे. इस गणना से प्राप्त आंकड़े भविष्य में योजनाओं और नीतियों के निर्माण में सहायक होंगे, जिससे देश का पशुधन विकास संभव होगा.
गणना के व्यापक फायदे
अधिकारियों के अनुसार, यह पशुधन गणना सरकारी योजनाओं और नीतियों के लिए महत्वपूर्ण है. इससे किसानों, व्यापारियों और डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को भी लाभ होगा. पशुधन की संख्या और विभिन्न प्रजातियों की सटीक जानकारी से योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा, जिससे पशुपालन क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 25, 2024, 12:53 IST