बुरे फंसे ऑल्ट न्यूज के जुबैर, देश की एकता को खतरे में डालने का मामला दर्ज

2 hours ago 1

इलाहाबाद. मोहम्मद जुबैर से जुड़े मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का अपराध ऑल्ट न्यूज के पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में शामिल किया गया है. यह एफआईआर गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के समर्थकों द्वारा जुबैर द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए एक ट्वीट को लेकर दर्ज की गई शिकायत के बाद दर्ज की गई थी. जुबैर ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था.

25 नवंबर को हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी (आईओ) को अगली सुनवाई तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें साफ रूप से उन दंडात्मक धाराओं को बताया गया हो, जिनके तहत जुबैर को फंसाया गया है. आज हाईकोर्ट में जांच अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि एफआईआर में दो नई धाराएं जोड़ी गई हैं: सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और बीएनएस की धारा 152. हाईकोर्ट ने संशोधन को अनुमति दी और अगली सुनवाई 3 दिसंबर को निर्धारित की.

नरसिंहानंद पर पहले भी घृणास्पद भाषण देने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने एक सार्वजनिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की. जुबैर ने एक्स पर एक ट्वीट पोस्ट किया जिसमें भाषण को अपमानजनक और घृणास्पद बताया गया. इसके बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नरसिंहानंद के खिलाफ सांप्रदायिक नफरत भड़काने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कई एफआईआर दर्ज की गईं. इसके बाद, डासना देवी मंदिर में विरोध प्रदर्शन किया गया.

Maharashtra New CM: बीजेपी का सीएम तो एकनाथ शिंदे-अजित पवार को क्या मिलेगा? जानें महाराष्ट्र का पॉवर शेयरिंग फॉर्मूला

जुबैर के खिलाफ एफआईआर यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर की गई है. त्यागी ने आरोप लगाया कि 3 अक्टूबर को जुबैर ने उनके खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से नरसिंहानंद का एक पुराना वीडियो क्लिप साझा किया. इसके बाद यति नरसिंहानंद की करीबी सहयोगी डॉ. उदिता त्यागी ने डासना देवी मंडी में हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए जुबैर, अरशद मदनी और असदुद्दीन ओवैसी को जिम्मेदार ठहराते हुए शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने जुबैर पर बीएनएस की धारा 196 (धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 228 (झूठे सबूत गढ़ना), 299 (धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 356 (3) (मानहानि) और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए.

Tags: Allahabad precocious court, Allahabad High Court Order

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 23:49 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article