एवरेज मिनिमम मंथली बैलेंस वह औसत राशि है जिसे आपको एक कैलेंडर महीने में अपने बचत या चालू खाते में बनाए रखना होता है। न्यूनतम डेली बैलेंस राशि के उलट, मिनिमम मंथली बैलेंस की गणना पूरे महीने में आपके हर रोज के आखिर बैलेंस राशि के औसत के आधार पर की जाती है। हर महीने के आखिर में, बैंक यह कैलकुलेट करता है कि क्या आपने जरूरी एवरेज मिनिमम मंथली बैलेंस को पूरा किया है। ऐसा नहीं करने पर आपको बैंक को चार्ज या जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर आप एवरेज मिनिमम मंथली बैलेंस बनाए रखते हैं तो इसके कुछ फायदे हैं जिनपर हम यहां चर्चा कर लेते हैं।
आप सीख जाएंगे वित्तीय अनुशासन
बैंक अकाउंट या सेविंग बैंक अकाउंट में हर महीने एक न्यूनतम औसत बैलेंस बनाए रखना संभावित रूप से आपको गैर-जरूरी निकासी या खरीदारी करने से हतोत्साहित कर सकता है और बचत के लिए दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। ऐसा करने से आपमें एक वित्तीय अनुशासन में रहकर चलने की आदत डेवलप होती है जो आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
क्रेडिट हेल्त का इनडायरेक्ट असर
एवरेज मिनिमम मंथली बैलेंस बनाए रखने से आपके क्रेडिट हेल्थ पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। आपका क्रेडिट स्कोर आपकी लोन चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है। जब आपके बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि होती है तो आप समय पर अपना लोन चुकाने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होते हैं।
ज्यादा ब्याज और स्पेशल ऑफर का भी लाभ
बचत खाते में जितना ज्यादा बैलेंस होगा, ब्याज के तौर पर रिटर्न उतना ही ज्यादा मिलने की संभावना होगी। बैंक के बचत खाते के तहत आप डेबिट और क्रेडिट कार्ड, लाइफस्टाइल बेनिफिट, रिवॉर्ड पॉइंट के साथ-साथ पर्सनल लोन जैसे कुछ प्रोडक्ट्स पर तरजीही मूल्य निर्धारण पर विशेष ऑफर का लाभ उठा सकते हैं।
बैंकों और एरिया की कैटेगरी के ऊपर निर्भर
एवरेज मिनिमम मंथली बैलेंस की शर्त अलग-अलग बैंकों और एरिया की कैटेगरी के ऊपर निर्भर करता है। प्राइवेट बैंक की शर्त सरकारी बैंक के मुकाबले ज्यादा सख्त रहती है। अकाउंट में मिनिमम मंथली बैलेंस बनाए रखने के लिए आपको अनुशासन में अपना बजट बनाकर चलना होगा।