भगवान श्री कृष्ण को एक जगह ऐसी है, जहां गौहत्या का पाप लगा था.
निर्मल कुमार राजपूत / मथुरा: क्या आपको पता है कि भगवान श्री कृष्ण को गौ हत्या का पाप लगा था? यदि नहीं, तो हम आपको बताते हैं कि इस पाप को दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने क्या उपाय किया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने गौ हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए राधा श्याम कुंड में स्नान किया था. आइए जानते हैं कि यह कुंड कहां स्थित है और इसका निर्माण कैसे हुआ.
गौ हत्या का पाप और उसका प्रायश्चित
द्वापर युग में कंस का अत्याचार बृजवासियों पर लगातार बरस रहा था. कंस ने भगवान श्री कृष्ण को खत्म करने के लिए कई राक्षसों को भेजा, जिन्हें कृष्ण ने समाप्त कर दिया. इसी क्रम में एक राक्षस अरिष्टासुर ने बछड़े का रूप धारण कर कृष्ण पर हमला किया. कृष्ण ने उसे मार दिया, जिससे उन्हें गौ हत्या का पाप लगा. इस पाप से मुक्ति पाने के लिए मान्यता है कि कृष्ण ने दीपावली से 8 दिन पहले अहोई अष्टमी के दिन राधा श्याम कुंड का निर्माण कराया और उसमें स्नान किया.
कुंड के सेवायत पुजारी विजय पंडित ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यह स्थान द्वापर युग में अरिष्टिसुर नगर और अरीठ वन के नाम से जाना जाता था. अरिष्टासुर की दहाड़ शेर से भी तेज थी, और उसके आतंक से आसपास की गर्भवती महिलाओं के गर्भ गिर जाते थे.
गोवर्धन है कृष्ण की गौचारण भूमि
पंडित ने बताया कि राधा के कहने पर ही ब्रज में तीर्थों का विकास हुआ. भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में अनेक कुंड और लीला स्थलों की स्थापना की. गोवर्धन को कृष्ण की गौचारण भूमि कहा जाता है, जहां उन्होंने गायों को चराया. यह स्थल भगवान कृष्ण के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां उन्होंने गायों के साथ अपने अनेकों लीलाओं का आनंद लिया.
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 10:54 IST
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