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क्षेत्र की समस्याओं पर अपनी राय देते मतदाता
कोडरामा. झारखंड में विधानसभा का चुनाव दो चरणों में हो रहा है. प्रथम चरण के तहत 13 नवंबर को कोडरमा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता अपने क्षेत्र का विधायक चुनने के लिए मताधिकार का प्रयोग करते हुए मतदान करेंगे. चुनावी माहौल में एक बार फिर क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चाएं बढ़ गई है. जनता के बीच कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनके समाधान को लेकर चुनाव के दौरान प्रत्याशी तमाम तरह के दावे और वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अगले चुनाव में भी जनता की वही समस्याएं पुनः चुनावी मुद्दा बन जाती है.
रांची से अधिक होल्डिंग टैक्स, सुविधाओं में काफी बड़ा अंतर
कोडरमा विधानसभा क्षेत्र के एकमात्र शहरी इलाका झुमरी तिलैया नगर परिषद क्षेत्र के मतदाताओं के बीच नगर परिषद के द्वारा वसूले जानी वाली कमर्शियल और आवासीय होल्डिंग टैक्स एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है. कोडरमा में पूरे राज्य के मुकाबले सबसे अधिक टैक्स निर्धारित है. राजधानी रांची में, जहां एक हजार स्क्वायर फीट कमर्शियल क्षेत्र के लिए होल्डिंग टैक्स 7485 रूपये, तो झुमरी तिलैया में 7005 रूपये है. वहीं झुमरी तिलैया में आवासीय क्षेत्र के लिए एक हजार स्क्वायर फीट आवासीय क्षेत्र का होल्डिंग टैक्स 2587 रुपए है, जबकि राजधानी रांची में इतने क्षेत्र के लिए 1897 रूपये होल्डिंग टैक्स है.दोनों जिले में जनता को मिलने वाले सुविधाओं में काफी बड़ा अंतर भी है.
सड़कों पर बाइक लेकर चलना भी होता है मुश्किल
नगर परिषद क्षेत्र में निवास करने एवं व्यवसाय करने वाले लोगों ने इस समस्या पर खुलकर लोकल 18 से बातचीत करते हुए अपनी परेशानी का समाधान की अपेक्षाओं को सामने रखा है. विशाल भदानी ने बताया कि कई प्रकार के टैक्स का भुगतान करने के बाद भी नगर परिषद क्षेत्र में पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है.अव्यवस्था का आलम ऐसा है कि यहां लोगों को सड़कों पर बाइक लेकर चलने में भी काफी परेशानी होती है. शहर में पार्किंग के साथ बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था पर काम करने वाले प्रत्याशी का चुनाव इस बार किया जाएगा.
लोगों के मन में बनती है शहर की खराब छवि
मो. शोएब ने बताया कि शहर के बीच में कोडरमा जैसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन होने की वजह से यहां जिले के बाहर से भी लोग पहुंचते हैं. ऐसे में जब उन्हें स्टेशन से बाहर निकलने के बाद गंदगी का सामना करना पड़ता है, तो उनके मन में शहर की खराब छवि बनती है.नगर क्षेत्र के सभी घरों और प्रतिष्ठानों से बड़ी मात्रा में होल्डिंग टैक्स की वसूली करने के बाद भी छोटे से इलाके में बेहतर सफाई व्यवस्था बनाए रखने में नगर परिषद पूरी तरह से नाकाम है. मो.सद्दाम ने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ गई है. मुख्य सड़क पर जगह-जगह पशु रहने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में ऐसे प्रत्याशी का चयन किया जाएगा जो हमारे इन समस्याओं को दूर कर सकेंगे.
टैक्स के बदले मिले सुविधा
मो. शारिका ने कहा कि जनता एक छोटी सी सुई की खरीददारी से लेकर सभी वस्तुओं पर टैक्स के भुगतान के अलावे नगर परिषद क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स समेत अन्य टैक्स का भुगतान करती है. इसके बाद भी नगर परिषद क्षेत्र के कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट शोभा की वस्तु बन कर रह गए हैं. लोगों को नियमित पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाती है. पूरे शहर में बेहतर तरीके से साफ सफाई नहीं हो पाती है.aउन्होंने कहा कि यहां की जनता जितना टैक्स देती है उसका एक प्रतिशत भी सुविधा लोगों को नहीं मिल पाता है. इस बार ऐसे जन प्रतिनिधि का चुनाव किया जाएगा जो जनता की इन समस्याओं को गंभीरता पूर्वक लेते हुए होल्डिंग टैक्स के बदले समुचित सुविधा दिलाए या सुविधा के अनुरूप होल्डिंग टैक्स निर्धारण के लिए जनता की आवाज को सदन में उठाएं.
ग्राहकों को दुकान के बाहर उतारने पड़ते हैं चप्पल जूते
व्यवसायी महेश यादव ने कहा कि रांची में जितना टैक्स एक पूरे फ्लैट की है उतना टैक्स नगर परिषद क्षेत्र में एक छोटे से दुकान की है. पिछले बारिश में नगर परिषद के द्वारा जल निकासी के बेहतर प्रबंध नहीं होने की वजह से पावर सबस्टेशन में जल जमा हो गया था और शहर के अधिकांश क्षेत्रों में लोगों को लंबे समय तक ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा था. क्षेत्र में हल्की सी बारिश के बाद सड़क कीचड़ से भर जाता है. नालियों का पानी सड़कों पर बहाना शुरू हो जाता है खरीददारी करने पहुंचने वाले ग्राहकों को अपने जूते चप्पल दुकान के बाहर ही खोलने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि शहर के मुख्य इलाके में स्थिति इतनी दयनीय है तो शहरी क्षेत्र के अंतिम छोर वाले इलाकों में लोगों को क्या सुविधा मिलती होगी यह किसी से छुपा हुआ नहीं है. नगर परिषद क्षेत्र की जनता ने इस बार वैसे जनप्रतिनिधि के चुनाव का मन बनाया है जो शहरी क्षेत्र के इन मूलभूत समस्याओं को दूर करते हुए लोगों को उनका अधिकार दिला सके.
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 12:34 IST