अमरेली जिले के सावरकुंडला तालुका के नेसडी गांव में प्रतापभाई बसिया के पास एक भैंस है, जिसकी कीमत 1.20 लाख रुपये है. यह भैंस हर महीने 30,000 रुपये का दूध देती है. इस भैंस का दूध बेचकर प्रतापभाई अपनी आमदनी में इज़ाफा कर रहे हैं, जो कृषि के साथ-साथ पशुपालन से भी हो रही है.
पशुपालन से हो रही अच्छी इनकम
अमरेली जिले में कई किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी कर रहे हैं. कृषि में हो रहे नुकसान और सही दाम न मिलने के कारण अब किसान पशुपालन की तरफ रुख कर रहे हैं. पशुपालन के जरिए किसानों को स्थिर आय मिल रही है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रही है. यह बदलाव जिले के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गया है, जो अब कृषि के साथ-साथ पशुपालन में भी निवेश कर रहे हैं.
शिक्षा से लेकर पशुपालन तक की यात्रा
प्रतापभाई बसिया ने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और वे पारंपरिक कृषि कार्यों में भी सक्रिय हैं. इसके साथ ही उन्होंने पशुपालन का व्यवसाय भी शुरू किया. उनके पास अच्छी नस्ल की भैंसें हैं, और वे अब लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. उनका यह कदम कई किसानों के लिए एक उदाहरण है, जो मुश्किल हालात में भी नयी राह तलाश रहे हैं.
भैंस से होने वाली इनकम
प्रतापभाई ने लोकल 18 को बताया, “मैं एक पशुपालक हूं और मेरे पास भैंसों का तबेला है. यहां की भैंसें अच्छी नस्ल की हैं. मैंने उपलेटा पंथक से 1.20 लाख रुपये में एक भैंस खरीदी, जो प्रतिदिन 12 लीटर दूध देती है. एक लीटर दूध की कीमत 80 रुपये है, जिससे मुझे हर महीने 30,000 से 31,000 रुपये की कमाई होती है.” ये अजब-गजब भैंस किसान के लिए इनकम का एक ऐसा तरीका बन गया जिसने उसकी आर्थिक स्थिति सुधार दी और उसे मालामाल कर दिया.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 23:20 IST