मंडी में राजस्व अदालतों का आयोजन, फिर भी चक्कर काटने को मजबूर लोग

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कोर्ट कॉम्प्लेक्स मंडी 

मंडी. प्रदेश सरकार लोगों के रोजमर्रा जीवन को आसान बनाने और उन्हें सुलभ एवं समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने की दिशा में अनेक कदम उठा रही है. व्यवस्था परिवर्तन की दृष्टि से नियमों, प्रक्रियाओं को सरल बनाते हुए विभिन्न सरकारी सेवाएं घर-द्वार पर उपलब्ध करवाने की पहल की गई है. आम आदमी को जमीन से जुड़े मामलों में दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें और जटिल प्रक्रियाओं के कारण मुश्किलों का सामना न करना पड़े, इस उद्देश्य से राजस्व विभाग अदालतों में विशेष अदालतों का आयोजन शुरू किया गया है. प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में यह राजस्व अदालतें लगाई जाती हैं. इन राजस्व अदालतों में अरसे से लंबित मामले निपटाए जा रहे हैं.

मंडी जिला में अभी तक 14 राजस्व अदालतों का आयोजन किया जा चुका है. इन अदालतों के माध्यम से जिला में अब तक 21,192 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. इस अवधि में इंतकाल के 19,981 मामले निपटाए गए.  इसके अतिरिक्त तकसीम के 570, निशानदेही के 424 तथा राजस्व प्रविष्टियों में सुधार के 217 मामलों का निपटारा इन अदालतों के माध्यम से त्वरित आधार पर सुनिश्चित किया गया.

वहीं उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार राजस्व मामलों के त्वरित और समयबद्ध निपटारे के लिए मंडी जिला में राजस्व अदालतों का आयोजन हर माह किया जा रहा है. लोगों को घर के समीप सुलभ सेवाएं उपलब्ध सुनिश्चित करने की दिशा में जिला में सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

कहीं न कहीं लोग अब भी परेशान 
वहीं मंडी के रहने वाले स्थानीय एडवोकेट आकाश शर्मा के मुताबिक कई ऐसे मामले अब भी मौजूद हैं, जिनमें कोई निर्णय नहीं किया गया है. कई लोग ऐसे हैं कि वह आज भी कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. वहीं जगह से संबंधित जानकारी भी उन्हें नहीं मिल पा रही है और जमीन की निशानदेही तो दूर की बात है. लोकल 18 से बातचीत में आकाश शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा तो यह अच्छी पहल की गई है, लेकिन धरातल पर अभी भी ऐसे गरीब लोग मौजूद हैं जो अभी भी अपने आप को परेशान महसूस करते हैं.

वहीं इस मामले में परेशानी से जूझ रहे स्थानीय निवासी गोविंद पुत्र डागी निवासी नस्लोह के मुताबिक उन्हें मंडी जिला मुख्यालय में स्थित न्यायालय में आते हुए पता नहीं कितने ही साल बीत चुके हैं और उन्हें अपनी ही जमीन की निशानदेही नहीं मिल पा रही है. उनके मुताबिक उनकी जमीन गुम हो चुकी है, लेकिन कोई भी उन्हें उनकी जमीन नहीं दिखा पा रहा कि वह जमीन है कहां. उनके मुताबिक हर बार उन्हें दो दिन बाद आने को कहा जाता है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है.

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FIRST PUBLISHED :

November 18, 2024, 17:32 IST

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