आदि हाट में लगाई थी अपनी प्रदर्शनी
जमुई. कभी जंगलों में रहा करते थे जहां सड़क और कोई आधुनिक सुविधाएं नहीं थी. पेट पालने के लिए मजदूरी करनी पड़ती थी. अकेले मजदूरी करके 30 लोगों का पेट पालना पड़ता था. इस वजह से गरीबी दिन-रात हावी होती जा रही थी. लेकिन, इस शख्स ने अपनी मेहनत के बलबूते आज अपने आप को ऐसे स्थान पर खड़ा कर लिया है, जहां उसकी कमाई अब हजारों में नहीं बल्कि लाखों में होने लगी है.
यह कहानी है मध्य प्रदेश के चंदेरी के रहने वाले घनश्याम आदिवासी की है, जिनकी उम्र 53 साल है. लेकिन, 53 साल के इस शख्स ने अपनी गरीबी को मात देकर ऐसे सफलता हासिल कर ली है कि अब यह सालाना 20 से 25 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं. इतना ही नहीं इनकी मेहनत और लग्न के कारण इनका चयन हाल ही में जनजातीय गौरव दिवस समारोह के दौरान देशभर से गिने-चुने 24 लोगों में किया गया था, जिनके द्वारा आदिवासी हाट में प्रदर्शनी लगाई गई थी.
चंदेरी सिल्क का कारोबार करते हैं घनश्याम
मध्य प्रदेश के चंदेरी के रहने वाले घनश्याम आदिवासी चंदेरी सिल्क का कारोबार करते हैं. घनश्याम आदिवासी ने बताया कि पहले उनका परिवार मजदूरी का काम किया करता था. जिससे परिवार का भरण- पोषण बड़ी मुश्किल से हो पाता था. फिर ट्राईफेड के साथ मिलकर चंदेरी सिल्क का कारोबार शुरू किया. फिलहाल चंदेरी सिल्क की साड़ियां और उसका सूट बनाते हैं तथा इसकी सीधी आपूर्ति करते हैं. घनश्याम आदिवासी ने बताया कि इस कारोबार से सालाना 20 से 25 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है. घनश्याम और उसके परिवार के कई लोग इसी व्यापार में जुड़ गए हैं तथा सभी लोग करघा से चंदेरी सिल्क बनाते हैं और हैंडमेड चंदेरी सिल्क की बिक्री करते हैं. उन्होंने बताया कि अपनी कमाई से बेटे के लिए भी कार खरीद कर उससे सिल्क की सप्लाई करते हैं. मध्य प्रदेश के अलावा चंदेरी सिल्क की सप्लाई भोपाल, चंडीगढ़, गुवाहाटी, दिल्ली, रांची सहित अन्य जगहों पर भी होती है.
2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने की थी सराहना
घनश्याम आदिवासी ने अपने हस्तकरघा की मदद से चंदेरी सिल्क के कारोबार को इतना आगे बढ़ा लिया है कि उनका चयन 15 नवंबर को जमुई में आयोजित हुए जनजातीय गौरव दिवस समारोह में एग्जीबिशन लगाने के लिए किया गया था. देश भर के विभिन्न राज्यों से आए 24 ऐसे आदिवासी कारोबारी में घनश्याम भी शामिल थे. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्टॉल का मुआयना किया और उनसे बातचीत की. इससे पहले वर्ष 2023 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आदिवासी महोत्सव के आयोजन में घनश्याम के कार्यों की सराहना की गई थी. घनश्याम आदिवासी चंदेरी सिल्क के कारोबार से अच्छी-खासी आमदनी कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 07:59 IST